सीजी भास्कर, 28 अक्टूबर | (Chhattisgarh Transport Safety) को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राजस्थान और आंध्र प्रदेश में हाल में हुए बस हादसों के बाद छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग ने सख्त कदम उठाया है। अब प्रदेश में चल रही सभी स्लीपर और एसी बसों की फायर सेफ्टी, इलेक्ट्रिकल सिस्टम और आपातकालीन निकास व्यवस्था की पूरी जांच की जाएगी।
हजारों बसें रोज सड़कों पर – यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता पर
अधिकारियों के अनुसार, राज्य में रोज़ाना हजारों बसें चलती हैं, जिनसे लाखों लोग सफर करते हैं। अब सभी बस ऑपरेटरों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि हर वाहन में फायर सेफ्टी डिवाइस, फर्स्ट एड बॉक्स और इमरजेंसी एक्जिट अनिवार्य रूप से हो। विभाग का कहना है कि नियमों का पालन न करने पर फिटनेस सर्टिफिकेट (Bus Fitness) रद्द किया जा सकता है।
600 से ज्यादा बसें रोज़ाना करती हैं इंटरस्टेट यात्रा
राज्य से हर दिन करीब 600 से अधिक स्लीपर बसें अन्य राज्यों जैसे मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, झारखंड और आंध्रप्रदेश के लिए चलती हैं। 50 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक की लागत वाली इन लक्जरी बसों में (Safety Inspection) के तहत जांच होगी। यात्रियों में इन दिनों बढ़ते हादसों के कारण चिंता साफ देखी जा रही है।
तकनीकी खामियों पर फोकस – बस ऑपरेटरों को सर्तक किया गया
परिवहन विभाग ने बताया कि रियर इंजन बसों में आग लगने का खतरा ज्यादा होता है, हालांकि ऐसी बसें सीमित हैं। अधिकतर बसें फ्रंट इंजन वाली हैं। विभाग ने सभी ड्राइवरों और बस मालिकों को स्पार्किंग जैसी तकनीकी समस्याओं पर तुरंत ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। जांच रिपोर्ट (Safety Audit) जल्द ही विभाग को सौंपी जाएगी ताकि भविष्य में हादसे रोके जा सकें।
सख्त जांच अभियान जारी रहेगा
अधिकारियों ने कहा कि यह (Chhattisgarh Transport Safety) अभियान एक बार की कार्रवाई नहीं है। आगे भी परिवहन विभाग नियमित रूप से सभी बसों की जांच करता रहेगा। यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
