सीजी भास्कर, 12 सितंबर। आगनबाड़ी केंद्र पर बच्ची की करंट से मृत्यु की घटना ने सभी को झकझोर दिया। इस घटना के बाद प्रशासन ने (Child Safety Measures) तुरंत कड़े कदम उठाए। आगनबाड़ी केंद्र पदेली स्कूलपारा, सेक्टर- मर्दापाल-02 परियोजना कोंडागांव-03 में हुई इस दुखद घटना में एक बच्ची करंट लगने से गंभीर रूप से प्रभावित हुई और बाद में उसकी मृत्यु हो गई। कोंडागांव कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना के निर्देशानुसार आगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को बर्खास्त किया गया है, जबकि पर्यवेक्षक को निलंबित कर दिया गया।
परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना कोंडागांव-03 द्वारा जारी आदेश में बताया गया कि इस घटना में आगनबाड़ी कार्यकर्ता धसनी बाई और आगनबाड़ी सहायिका ममता कोर्राम की (Negligence and Misconduct) लापरवाही साबित हुई है। उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें पद से पृथक किया गया। साथ ही जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के आदेश के अनुसार पर्यवेक्षक मनीषा कतलाम के स्वेच्छाचारी और लापरवाह आचरण के कारण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 के तहत उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। निलंबन अवधि में पर्यवेक्षक का मुख्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, मबावि जिला-कोंडागांव में निर्धारित किया गया है।
इस घटना ने पूरे क्षेत्र में (Anganwadi Safety Plan) की आवश्यकता को उजागर किया। कलेक्टर के निर्देशानुसार एसडीएम अजय उरांव ने विभागीय अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचकर मृतक बच्ची के परिजनों से मुलाकात की और प्रशासन की ओर से 20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की। घटना ने अधिकारियों को आगनबाड़ी केंद्रों में सुरक्षा मानकों की पुनः समीक्षा करने और सभी केंद्रों में विद्युत सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया।
आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की सुरक्षा और कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए तुरंत (Preventive Measures) लागू करने का निर्णय लिया गया। अधिकारियों ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नियमित प्रशिक्षण और सुरक्षा ऑडिट आयोजित किया जाएगा। आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को बच्चों के साथ व्यवहार, सुरक्षा नियम और विद्युत उपकरणों के सुरक्षित उपयोग पर प्रशिक्षण देने की योजना बनाई जा रही है।
जिला प्रशासन ने यह भी घोषणा की कि सभी आगनबाड़ी केंद्रों में (Monitoring and Compliance) सख्ती से लागू की जाएगी। इसके अंतर्गत केंद्रों की नियमित निगरानी, कर्मचारियों के प्रदर्शन की समीक्षा और नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। प्रशासन ने यह स्पष्ट किया कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और लापरवाही करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी।