सीजी भास्कर, 30 जुलाई : स्कूल से घर लौटे कक्षा छह के 11 वर्षीय छात्र ने मंगलवार शाम फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। इस दौरान उसकी शिक्षिका मां अपने स्कूल गई थीं, जबकि पिता काम के सिलसिले में बाहर थे। जब दादी उसे खाना देने के लिए कमरे में पहुंची तो वह गेट के कुंडे पर दुपट्टे के फंदे से उसका शव लटकता मिला। स्वजन व पड़ोसी उसे लाला लाजपत राय अस्पताल ले गए, जहां जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया। स्वजन ने बताया कि छात्र चांदी की चेन पहनकर स्कूल गया था, जिसे शिक्षिका ने ले लिया था। घर पर मां की डांट के डर से उसने आत्मघाती कदम उठा लिया।
दादानगर कालोनी निवासी ऋषि शर्मा नमकीन बनाने वाली कंपनी में ट्रेडिंग का काम करते हैं। पत्नी पूजा शर्मा गोविंदनगर स्थित एक निजी विद्यालय में शिक्षिका हैं। दोनों का इकलौता बेटा 11 वर्षीय स्वास्तिक श्रीमुनि इंटर कालेज में छठवीं कक्षा का छात्र था। ऋषि के तीन भाई कृष्णा, सागर, सुकांत व उनकी मां घर के सामने ही दूसरे मकान में रहते हैं। सुकांत ने बताया कि वह स्वास्तिक को स्कूल से रोज लेने जाते थे। मंगलवार दोपहर डेढ़ बजे स्कूल पहुंचे तो शिक्षिका ने शिकायत करते हुए कहा कि स्वास्तिक चांदी की चेन पहनकर स्कूल आया है। बच्चों की शिकायत पर उसकी चेन जब्त कर ली है।
उसकी मां के आने पर लौटाने की बात कही। वहीं, उन्होंने जब स्वास्तिक से बाइक पर बैठने को कहा तो उसने दोस्तों संग घर आने की बात कही। इस पर सुकांत अकेले लौट आए। बच्चे की दादी के अनुसार, स्कूल से लौटने के बाद स्वास्तिक उनके घर खाना खाने आता था। जब वह पौन घंटे बाद भी घर नहीं आया तो वह उसके कमरे पर पहुंची। अंदर के कमरे का दरवाजा सटा हुआ था। खोला तो वह दरवाजे के कुंडे से लटक रहा था। गोविंदनगर थाना प्रभारी प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि स्वजन की तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
जन्मदिन पर मिली थी चेन, पिता बोले-क्या पता था ले लेगी जान
जिस समय बच्चे ने फांसी लगाई पिता ऋषि काम के सिलसिले में इटावा गए थे। सूचना मिली तो वह बदहवास हालत में घर पहुंचे। उन्होंने बताया कि स्वास्तिक कई दिनों से सफेद चेन पहनने की जिद कर रहा था, इस पर उसे 27 मई को उसके जन्मदिन पर चांदी की चेन बनवाकर दी थी। क्या पता था कि यही चेन उसकी जान ले लेगी। घटना की सूचना पर स्कूल में साथ पढ़ने वाला राजवीर भी स्वास्तिक के घर के बाहर पहुंचा। उसने बताया कि छुट्टी के बाद स्वास्तिक उसके घर आया, कहा कि टीचर ने चेन जमा कर ली है। डर लग रहा है, कि मम्मी मारेंगी तो नहीं।