Child Suicide Ramanujganj (रामानुजगंज बालक आत्महत्या) ने पूरे नगर को स्तब्ध कर दिया है। पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले 10 वर्षीय हार्दिक रवि ने सोमवार शाम अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी मिलते ही पूरे परिवार और पड़ोसियों में शोक की लहर दौड़ गई।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार हार्दिक अपने भाई-बहनों के साथ खेल रहा था। शाम साढ़े छह बजे के करीब वह अचानक घर के एक कमरे में चला गया। कुछ देर बाद जब उसका भाई उसे बुलाने गया तो उसने देखा कि हार्दिक फंदे से लटका हुआ था। घबराकर उसने तुरंत परिवार को सूचना दी। माता-पिता उस समय बाहर गए हुए थे। पिता भारत जसवंत रवि तुरंत घर लौटे और हार्दिक को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया।
परिवार और समुदाय में शोक
Child Suicide Ramanujganj घटना के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है और पड़ोसियों में भी भारी शोक का माहौल है। इतने कम उम्र में बच्चे द्वारा लिया गया यह कदम सभी को झकझोर कर रख गया है। यह घटना समाज और अभिभावकों के लिए गंभीर चेतावनी भी बन गई है कि बच्चों की भावनाओं और मानसिक स्थिति पर सतर्कता आवश्यक है।
मानसिक स्वास्थ्य पर विशेषज्ञों की राय
मनोविज्ञानी इस मामले को गंभीर मानते हैं। उनका कहना है कि Child Suicide Ramanujganj जैसी घटनाओं से बचने के लिए बच्चों की मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है। अभिभावक, शिक्षक और समाज को मिलकर बच्चों की परेशानियों और भावनाओं को समय रहते समझना चाहिए।
बच्चों के लिए सुरक्षा और समर्थन आवश्यक
विशेषज्ञों का सुझाव है कि अभिभावकों को अपने बच्चों के व्यवहार में बदलाव, उदासी या असामान्य गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए। Child Suicide Ramanujganj जैसी घटनाओं को रोकने के लिए स्कूलों और समुदायों में साइकोलॉजिकल सपोर्ट और काउंसलिंग को बढ़ावा देना आवश्यक है।
