सीजी भास्कर, 01 अक्टूबर। स्वच्छता के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत निकाय अब केवल उदाहरण नहीं, बल्कि प्रेरणास्रोत बनकर अन्य निकायों को मार्गदर्शन देने की भूमिका निभाएंगे। साथ ही ये न केवल तकनीकी सहायता देंगे, बल्कि जनभागीदारी, योजना निर्माण और क्रियान्वयन में भी सहयोग करेंगे। प्रदेश के 14 नगरीय निकायों के बीच शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए एमओयू (Cleanliness Ranking Improvement) हुआ है।
रायपुर मेंटर के रूप में अपने मेंटी शहर बिरगांव नगर निगम को स्वच्छ और सुंदर बनाने में सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान करेगा। इसी तरह बिलासपुर नगर निगम रतनपुर, अंबिकापुर नगर निगम बैकुंठपुर, कुम्हारी नगर पालिका अहिवारा, बिल्हा नगर पंचायत कोटा, पाटन नगर पंचायत गुरुर और विश्रामपुर नगर पंचायत जरही को स्वच्छता के कार्यों (Cleanliness Ranking Improvement) में सहयोग प्रदान करेगा।
अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय की नई पहल ‘स्वच्छ जोड़ी शहर’ के तहत स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत प्रदेश के सभी सात शहर एक-एक और शहर की रैंकिंग सुधारने (Cleanliness Ranking Improvement) में मदद करेंगे। नगरीय प्रशासन विभाग की ओर से विगत दिनों ‘स्वच्छ शहर जोड़ी संवाद’ का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रदेश के सभी 192 नगरीय निकाय वर्चुअली जुड़े थे।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में 115 नगरीय निकायों ने रैंकिंग सुधारी है। 20 हजार से कम आबादी वाले देश के 100 सबसे साफ-सुथरे शहरों में प्रदेश के 58 शहर शामिल हैं। (Cleanliness Ranking Improvement)
वाट्सएप चैटबॉट से कर सकते हैं शिकायत
नगरीय प्रशासन विभाग के वाट्सएप चैटबॉट के माध्यम से लोग 851-900-9090 नंबर पर अब सीधे स्वच्छता संबंधी शिकायतें व समस्याएं दर्ज करा सकते हैं। स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देने, लोगों को जागरूक करने और साफ-सफाई के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए स्वच्छता लीग टूलकिट का हिंदी संस्करण भी तैयार किया गया है।
विभाग की ओर से आरडीएफ (रिफ्युज्ड डिराइव्ड फ्यूल) ट्रैकिंग पोर्टल (Cleanliness Ranking Improvement) लॉन्च किया गया है। इसके माध्यम से निकाय स्तर पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में पारदर्शिता व जवाबदेही सुदृढ़ की जाएगी। यह पोर्टल राज्य के सभी नगरीय निकायों में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के अंतर्गत संचालित मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) केंद्रों से उत्पन्न होने वाले आरडीएफ की आवाजाही के डिजिटल निरीक्षण, निगरानी और विश्लेषण के लिए तैयार किया गया है।