सीजी भास्कर, 6 नवंबर। चर्चित कोयला घोटाला मामले (Coal Scam Case Chhattisgarh) में ईओडब्ल्यू-एसीबी के अधिकारियों पर लगे बयान में छेड़छाड़ के आरोपों पर अब फैसला 14 नवंबर को सुनाया जाएगा। विशेष न्यायालय में इस मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है। कांग्रेस नेता गिरीश देवांगन ने ईओडब्ल्यू और एसीबी अधिकारियों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने धारा 164 के तहत दर्ज बयानों में जानबूझकर हेराफेरी की।
देवांगन ने जिला अदालत में शिकायत दर्ज कर ईओडब्ल्यू-एसीबी प्रमुख अमरेश मिश्रा, अधिकारी राहुल शर्मा और चंद्रेश ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। अदालत ने शिकायत पर नोटिस जारी कर सभी अधिकारियों से जवाब मांगा था। ईओडब्ल्यू की ओर से दाखिल जवाब में कहा गया कि यह आरोप राजनीतिक उद्देश्य (Coal Scam Case Chhattisgarh) से प्रेरित हैं और जांच पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के अनुसार की गई है।
बचाव पक्ष ने दलील दी कि धारा 164 के बयान में किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं हुई है और जांच रिपोर्ट विधिक रूप से मान्य है। विशेष अदालत ने सुनवाई पूरी कर आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब 14 नवंबर को आने वाला फैसला कोयला घोटाला (Coal Scam Case Chhattisgarh) जांच की दिशा और विश्वसनीयता पर बड़ा असर डाल सकता है।
गिरीश देवांगन ने लगाए थे गंभीर आरोप
कांग्रेस नेता गिरीश देवांगन ने अदालत में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि कोयला घोटाले की जांच के दौरान ईओडब्ल्यू अधिकारियों ने कुछ गवाहों के धारा 164 के बयानों में बदलाव किया। उनका कहना था कि जांच को प्रभावित करने के लिए तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया। उन्होंने न्यायालय से मांग की थी कि इस मामले की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
अदालत के फैसले पर टिकी निगाहें
अब सभी की निगाहें 14 नवंबर पर टिकी हैं, जब विशेष कोर्ट इस मामले पर फैसला सुनाएगी। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि कोर्ट का फैसला इस केस की दिशा तय करेगा। यदि आरोपों को सही माना गया तो जांच प्रक्रिया पर गंभीर प्रश्न उठ सकते हैं, जबकि आरोप निराधार साबित होने पर ईओडब्ल्यू की विश्वसनीयता मजबूत होगी। कोयला घोटाले की जांच पहले से ही राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
