सीजी भास्कर, 23 सितंबर। कोयला घोटाले की जांच राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने और तेज कर दी है। जांच एजेंसी के रडार पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव रहीं सौम्या चौरसिया एक बार फिर से आ गई हैं। रविवार को सौम्या के खासमखास और सीएम सचिवालय में पदस्थ रहे लिपिक जयचंद कोशले के रायपुर व जांजगीर-चांपा स्थित ठिकानों पर छापेमारी में कोल घोटाले (Coal Scam Chhattisgarh) से जुड़े कई अहम दस्तावेज और 50 करोड़ खपाने के सबूत मिले।
अधिकारियों का कहना है कि जयचंद से पूछताछ में कई गुप्त राज सामने आने की संभावना है। सोमवार को जयचंद को गिरफ्तार कर विशेष कोर्ट में पेश किया गया और 26 सितंबर तक रिमांड पर भेज दिया गया।
जांच में सामने आया कि अवैध कोयला परिवहन से आने वाला पैसा जयचंद के जरिए सौम्या तक पहुंचता था। जयचंद ने खुद भी 10 करोड़ से ज्यादा कमाई की। रायपुर की सेजबहार कालोनी का आलीशान मकान और जांजगीर-चांपा के अकलतरा स्थित पैतृक घर इसी कमाई से बने हैं। ईडी भी जयचंद से कई बार पूछताछ कर चुकी है। (Coal Scam Chhattisgarh)
ईओडब्ल्यू के अनुसार जयचंद रायपुर नगर निगम में कर्मचारी था। 2018-19 में सौम्या जब निगम में अपर आयुक्त बनीं, तो जयचंद उनका निज सहायक बन गया। कांग्रेस सरकार बनने पर सौम्या मुख्यमंत्री की उप सचिव हुईं, तो जयचंद की पोस्टिंग भी वहीं करा दी गई। वह उनके ऑफिस का पूरा काम देखता था, जिसमें पैसों का लेन-देन और निवेश भी शामिल था। (Coal Scam Chhattisgarh)
सरकार बदलने के बाद भी जयचंद ने अपनी पोस्टिंग पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के बंगले में कराई। वहीं से वह सौम्या के लिए काम देखता रहा और कोल लेवी घोटाले से बतौर कमीशन मिले 50 करोड़ रुपये के निवेश में अहम भूमिका निभाई। जब्त दस्तावेजों से संदेह है कि उसने सौम्या की काली कमाई को अलग-अलग जगह निवेश किया। (Coal Scam Chhattisgarh)
फिलहाल सौम्या चौरसिया सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत पर प्रदेश से बाहर हैं। मार्च 2025 में उन्हें यह राहत मिली थी। हालांकि शर्तों के मुताबिक उन्हें अभी छत्तीसगढ़ राज्य में रहने की इजाजत नहीं है। (Coal Scam Chhattisgarh)