कोबरा पकड़ते समय हुआ हादसा (Cobra Rescue Tragedy in Chandrapur)
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के बल्लारपुर में रविवार सुबह एक दर्दनाक घटना सामने आई। यहां 32 वर्षीय सर्प मित्र महेंद्र भडके की मौत कोबरा के डंसने से हो गई। महेंद्र विद्यानगर वार्ड के सावित्रीबाई फुले चौक के निवासी थे और सांप पकड़ने के लिए पूरे इलाके में जाने जाते थे।
कोबरा ने दो बार डसा, बचाने की कोशिश नाकाम
सूत्रों के अनुसार, सुबह करीब 10:30 बजे पेपर मिल परिसर की न्यू कॉलोनी स्थित बीटीटीएल नर्सरी में कोबरा दिखाई देने की सूचना मिली। जैसे ही महेंद्र वहां पहुंचे और सांप पकड़ने की कोशिश की, तभी कोबरा ने अचानक उनके हाथ पर दो बार हमला कर दिया।
अस्पताल पहुंचाने से पहले गई जान (Snakebite Death in Chandrapur)
कोबरा डसने के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने महेंद्र को ग्रामीण अस्पताल बल्लारपुर में भर्ती कराया। हालत बिगड़ने पर उन्हें जिला अस्पताल चंद्रपुर ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
सर्प मित्र के निधन से गम का माहौल (Snake Rescuer Death)
महेंद्र भडके लंबे समय से सांपों को सुरक्षित पकड़कर जंगल में छोड़ने का कार्य करते थे। उनके आकस्मिक निधन से बल्लारपुर और आसपास के क्षेत्रों में गहरा शोक है। लोग उन्हें बहादुर और निस्वार्थ सेवा करने वाला मानते थे।
इलाके में स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल
स्थानीय लोगों ने कहा कि बल्लारपुर अस्पताल में एंटी-वेनम इंजेक्शन (Anti-venom Injection) और बेहतर इलाज की व्यवस्था नहीं है। पहले भी कई बार मरीजों को चंद्रपुर रेफर किया गया और वे रास्ते में ही दम तोड़ बैठे। लोगों की मांग है कि क्षेत्र में ज़हरीले सांप के काटने का त्वरित इलाज उपलब्ध कराया जाए, ताकि ऐसी घटनाओं में कीमती जानें बचाई जा सकें।
Cobra Rescue Tragedy in Chandrapur से सबक
यह घटना न सिर्फ एक सर्प मित्र की बहादुरी को याद दिलाती है, बल्कि स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है। जानकारों का मानना है कि अगर समय पर एंटी-वेनम उपलब्ध होता, तो महेंद्र की जान बचाई जा सकती थी।