सीजी भास्कर, 20 नवंबर। छत्तीसगढ़ में प्रभारी तहसीलदार के साथ पुलिस कर्मियों द्वारा की गयी मारपीट और दुर्व्यवहार का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में प्रशासनिक संघ ने कलेक्टर अवनीश शरण से मुलाकात कर दोषी पुलिस कर्मियों व थाना प्रभारी पर कार्रवाई की मांग की है। दूसरी तरह इस घटना से हैरान परेशान प्रभारी तहसीलदार के परिजनों ने कहा है कि अब तो बाहर निकलने से भी डर लगता है।
घटना के संबंध में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिला में बस्तर के प्रभारी तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा ने अपनी शिकायत में बताया कि 16 नवंबर की रात 2:10 बजे वो अपने पिता और भाई के साथ स्टेशन से घर लौट रहे थे तभी डीएलएस कॉलेज के पास पुलिस ने उनकी बाइक रोकी और गाली-गलौज करते हुए उन्हें थाने ले जाया गया। थाने में उनके इंजीनियर भाई पुष्पेंद्र मिश्रा के साथ गाली गलौज व अभद्र व्यवहार की घटना हुई। थाना प्रभारी तोप सिंह नवरंग व उनके स्टाफ ने पुष्पराज मिश्रा, पुष्पेंद्र मिश्रा के साथ मारपीट की। पीड़ितों का कहना है कि रात में कलेक्टर अवनीश शरण ने भी थाना प्रभारी से बात लेकिन उन्हें यह कर बात को नजर अंदाज कर दिया कि मेरे अधिकारी एसपी हैं, मैं केवल उन्ही को रिपोर्ट करता हूं। बाद में एसपी का फोन आने के बाद ही दोनों भाई को छोड़ा गया और एफआइआर दर्ज हुई। पुष्पराज मिश्रा व पुष्पेंद्र मिश्रा ने कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों के साथ कलेक्टर अवनीश शरण से मुलाकात कर दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग की है।
आपको बता दें कि थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार प्रभारी तहसीलदार व उनके इंजीनियर भाई ने पुलिस को प्रशासनिक अधिकारी होने का धौंस देते हुए धमकाया, पुलिस का कहना था कि जिस दौरान यह घटना हुई दोनों नशे में थे और उन्होंने पुलिस कर्मियों के साध बदसलूकी और मुलाहिजा कराने के दौरान भी काफी हंगामा किया था।
कनिष्ठ प्रशानिक सेवा संघ का मानना है कि इस प्रकार की घटनाओं से न केवल प्रशासनिक सेवाओं की गरिमा प्रभावित होती है बल्कि इससे अधिकारी अपने कार्यक्षेत्र में असुरक्षित महसूस करते हैं। इस प्रकरण में एक सप्ताह के अंदर जांच कर कार्रवाई नहीं की जाती तो संघ विरोध स्वरूप धरना प्रदर्शन व अन्य आवश्यक कदम उठाने के लिए बाध्य होगा। प्रभारी तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा, उनके इंजीनियर भाई पुष्पेंद्र मिश्रा व पिता का कहना है साहब रात में निकलने से डर लगता है कि कहीं पुलिस वाले पकड़कर गाली गलौज व मारपीट न करने लगे।