सीजी भास्कर 3 अगस्त
रायपुर।
महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। एनसीपी (शरद पवार गुट) के वरिष्ठ विधायक जितेंद्र आव्हाड ने सनातन धर्म को लेकर बेहद विवादास्पद टिप्पणी कर दी है। उन्होंने कहा कि “सनातन धर्म नाम की कोई चीज़ अस्तित्व में नहीं है, यह धर्म नहीं, बल्कि भारत के सामाजिक पतन का कारण रहा है।”
सनातन नहीं, हिंदू धर्म ही असली: आव्हाड
आव्हाड का कहना है कि “हम सब हिंदू धर्म के अनुयायी हैं। सनातन धर्म जैसा कोई धर्म इतिहास में नहीं रहा है।” उन्होंने कहा कि जिस तथाकथित सनातन धर्म की बात की जाती है, उसने ही छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक को रोका और संभाजी महाराज को गलत रूप में पेश किया।
सुधारकों पर अत्याचार के आरोप
अपने बयान में आव्हाड ने कहा कि सनातन परंपरा के अनुयायियों ने समाज सुधारकों पर भी अत्याचार किए।
- ज्योतिराव फुले को मारने की कोशिश की गई।
- सावित्रीबाई फुले पर गंदगी फेंकी गई।
- शाहू महाराज की हत्या के षड्यंत्र रचे गए।
- डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को शिक्षा और पानी से वंचित किया गया।
उन्होंने कहा कि “मनुस्मृति जैसी दमनकारी किताबें इसी सनातनी विचारधारा की उपज हैं, जिसे खुद बाबासाहेब ने नकारा और जलाया था।”
“भगवान बुद्ध को भी नहीं छोड़ा”
आव्हाड ने सनातन परंपरा पर आरोप लगाया कि यह वही विचारधारा है जिसने भगवान बुद्ध, चार्वाक, बसवेश्वर, संत तुकाराम और ज्ञानेश्वर जैसे विचारकों को प्रताड़ित किया।
सनातनी आतंकवाद का आरोप
उन्होंने कहा, “आज हमें ये मानना होगा कि सनातनी आतंकवाद कोई नई चीज़ नहीं है, ये प्राचीन काल से समाज को तोड़ने का काम करता आया है। यही विचारधारा महात्मा गांधी की हत्या के पीछे थी, यही लोग नरेंद्र दाभोलकर, पानसरे, कलबुर्गी, और गौरी लंकेश की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं।”
संविधान से टकराव का आरोप
आव्हाड ने सनातनी विचारधारा पर भारत के संविधान को चुनौती देने का आरोप लगाते हुए कहा, “ये लोग मनुस्मृति को संविधान मानते हैं, और महिलाओं को समाज में स्थान नहीं देना चाहते।”
राजनीति में उबाल तय
इस बयान के बाद राजनीतिक भूचाल आना तय है। हिंदू संगठनों से लेकर बीजेपी तक इस बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दे सकते हैं। आने वाले दिनों में इस पर बवाल बढ़ना तय माना जा रहा है।