सीजी भास्कर, 6 अक्टूबर। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने देशभर के अभिभावकों और स्वास्थ्य संस्थानों के लिए बड़ा फैसला लिया है। मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी प्रकार की खांसी की सिरप (Cough syrup ban) या सर्दी-जुकाम की दवाएं नहीं दी जानी चाहिए। पाँच वर्ष तक की उम्र के बच्चों के लिए भी ऐसी दवाएं सामान्यतः अनुशंसित नहीं हैं। यह कदम छोटे बच्चों को संभावित दुष्प्रभावों से बचाने और उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
एडवाइजरी जारी होते ही छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने भी तुरंत कार्रवाई की है। सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) और सिविल सर्जनों को निर्देश दिए गए हैं कि केंद्र की इस गाइडलाइन का कड़ाई से पालन कराया जाए। साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने एक उच्चस्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित कर सभी अधिकारियों को स्पष्ट कहा है कि बच्चों को खांसी-जुकाम की दवा केवल चिकित्सकीय परामर्श पर ही दी जाए।
विशेषज्ञों की राय
कृषि वैज्ञानिकों की तरह चिकित्सा विशेषज्ञों ने भी चेतावनी दी है कि अधिकतर मामलों में बच्चों की खांसी-जुकाम की समस्या कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है। ऐसे में दवाओं का गलत इस्तेमाल खतरनाक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, छोटे बच्चों का शरीर संवेदनशील होता है और दवा का अधिक प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। इसलिए माता-पिता को सलाह दी गई है कि वे डॉक्टर की अनुमति के बिना अपने बच्चों को दवा न दें।
औषधि आपूर्ति प्रणाली पर सख्त निगरानी
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (CGMSC) ने साफ किया है कि जिन दो कंपनियों पर अन्य राज्यों में कार्रवाई हुई है, उनकी राज्य में सरकारी आपूर्ति नहीं रही है। यह तथ्य बताता है कि राज्य की सरकारी आपूर्ति शृंखला (Cough syrup ban) पूरी तरह पारदर्शी और सुरक्षित है।
फार्मेसियों और निर्माण इकाइयों पर निरीक्षण तेज
भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव द्वारा 5 अक्टूबर को आयोजित बैठक के बाद छत्तीसगढ़ खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने भी राज्यभर में निगरानी तेज कर दी है। औषध निरीक्षकों के दल गठित कर जोखिम-आधारित निरीक्षण किए जा रहे हैं। सभी सहायक औषधि नियंत्रकों और निरीक्षकों को आदेश दिया गया है कि वे फार्मेसियों और मेडिकल स्टोर्स का आकस्मिक निरीक्षण करें।
इस कार्रवाई का मकसद है यह सुनिश्चित करना कि कोई भी मेडिकल स्टोर या कंपनी एडवाइजरी का उल्लंघन न कर सके। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि इन प्रयासों का उद्देश्य अभिभावकों और बच्चों की सुरक्षा है। अभिभावकों से अपील की गई है कि वे खांसी-जुकाम की दवा (Cough syrup ban) बच्चों को डॉक्टर की सलाह के बिना न दें और यदि कोई दवा दी भी जाए तो उसका पूरा रिकॉर्ड रखें।