सीजी भास्कर, 21 फरवरी। बालको चिमनी दुर्घटना के 15 साल पुराने मामले में कोरबा की एक कोर्ट ने बालको, सेपको, जीडीसीएल, बीवीआईएल एवं डीसीपीएल को आरोपी बनाया है। मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च 2025 को होगी। इस दिन अधिकारियों को कोर्ट में उपस्थित होने के लिए कहा गया है। 21 सितंबर 2009 को बालको के निर्माणाधीन चिमनी जमीदोज हो गई थी। इस मामले में 40 मजदूरों की मौत हुई थी। मामले की सुनवाई कोरबा के स्पेशल कोर्ट में चल रही है।
सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश एसटी एससी जयदीप गर्ग की अदालत ने अभियोजन पक्ष की मांग पर बालको, चिमनी बनाने का कार्य करने वाली चीनी कंपनी सेपको, पेटी कांटे्रक्ट का काम लेने वाले जीडीसीएल, कार्य की निगरानी करने वाली कंपनी ब्यूरो वेराइटिज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड मुंबई (बीवीआईएल) और डेवलपमेंट कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड (डीसीपीएल) को आरोपी बनाने की मांग की गई थी। इसके लिए दंड प्रक्रिया की धारा 319 के तहत आवेदन कोर्ट में पेश किया गया था। मामले की सुनवाई के दौरान घटना की जांच करने वाले पुलिस की ओर से इन कंपनियों को आरोपी नहीं बनाया गया था। आरोपी क्यों नहीं बनाया गया? इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया। लेकिन कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस के जांच अधिकारी ने बताया कि यदि अधिकारियों के गलती के कारण कोई दुर्घटना होती है, तो उसके लिए कंपनी जिम्मेदार होती है। वह कंपनी भी अभियुक्त होती है। अभियोजन पक्ष की मांग पर कोर्ट ने पांच कंपनियों को आरोपी बनाया है।