सीजी भास्कर, 23 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के बेलतरा और सुकुलकारी क्षेत्रों में गोवंशों (Cow Death Case Bilaspur) की लगातार हो रही मौतों पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने इस मामले की मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका (PIL) के रूप में दर्ज कर सुनवाई शुरू की है। डिवीजन बेंच ने राज्य के मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव, पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग को नोटिस जारी करते हुए व्यक्तिगत शपथपत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
भोजन-पानी और देखरेख के अभाव में मर रहे मवेशी
मस्तूरी ब्लॉक के बेलतरा और सुकुलकारी गांवों में पिछले कई दिनों से मवेशियों की मौतें (Cow Death Case Bilaspur) हो रही हैं। ग्रामीणों के मुताबिक, गायों को अस्थायी गोशालाओं में दलदली और कीचड़ भरे स्थानों पर रखा गया है, जहां भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधा का अभाव है। बेलतरा में एक दर्जन से अधिक, जबकि सुकुलकारी में चार गायों की मौत की पुष्टि हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी घटनास्थल पर तो आते हैं, लेकिन औपचारिक जांच कर लौट जाते हैं, जिससे वास्तविक कारणों की पड़ताल नहीं हो पाती। स्थानीय लोगों ने पशु चिकित्सा विभाग की निष्क्रियता और संवेदनहीनता को मौतों का मुख्य कारण बताया है। उन्होंने कहा कि अधिकांश मवेशी न तो बूढ़े थे और न ही बीमार, इसलिए स्पष्ट है कि ये मौतें कुप्रबंधन और लापरवाही से हुई हैं।
कोर्ट ने कहा, तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी.डी. गुरु की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि, “मीडिया रिपोर्ट से प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट होता है कि पशु चिकित्सा विभाग और स्थानीय प्रशासन की ओर से गंभीर प्रशासनिक चूक हुई है। राज्य शासन को इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।” कोर्ट ने इस मामले में मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवाएं), निदेशक पशु चिकित्सा सेवाएं, राज्य पशु चिकित्सा परिषद रायपुर के निदेशक, और कलेक्टर बिलासपुर को पक्षकार बनाकर व्यक्तिगत हलफनामे सहित जवाब मांगा है।
(Cow Death Case Bilaspur) गोसेवा की बात, लेकिन ज़मीनी हालात भयावह
ग्रामीणों ने कहा कि शासन भले ही गोसेवा और गोसंरक्षण योजनाओं की बात करता हो, लेकिन ज़मीनी स्तर पर स्थिति बेहद दयनीय है। न तो मवेशियों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था है, न ही चिकित्सा सहायता उपलब्ध। उन्होंने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो और स्थायी गोशालाओं में बेहतर प्रबंधन किया जाए।