लखनऊ, 22 अगस्त:
बच्चों की सुरक्षा को लेकर यूपी सरकार की मिशन भरोसा परियोजना की समीक्षा बैठक में हैरान करने वाला सच सामने आया है। लखनऊ में स्कूल वैन चलाने वाले 500 से अधिक ड्राइवरों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसके चलते उनका चरित्र सत्यापन प्रमाणपत्र रोका गया है।
यह जानकारी मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने गुरुवार को आयोजित बैठक में दी। उन्होंने साफ कहा कि जब तक ड्राइवर का चरित्र सत्यापन पूरा नहीं होगा, तब तक वह बच्चों को स्कूल ले जाने वाला वाहन नहीं चला सकेगा।
भरोसा पोर्टल पर अब तक हुए पंजीकरण
लखनऊ स्मार्ट सिटी द्वारा संचालित भरोसा पोर्टल पर अब तक:
- 5200 स्कूली वाहन 🚍
- 2545 ड्राइवर 👨✈️
- 197 कंडक्टर व हेल्पर
- 470 स्कूल 🏫
का पंजीकरण किया जा चुका है। इनमें से 1000 ड्राइवरों का चरित्र सत्यापन व ड्राइविंग लाइसेंस जांच पूरी हो चुकी है और उन्हें मिशन भरोसा स्मार्ट कार्ड जारी किया गया है।
थानावार सूची तैयार करने के निर्देश
मंडलायुक्त ने पुलिस और मिशन भरोसा टीम को आदेश दिया कि सत्यापन लंबित ड्राइवरों की थानावार सूची तैयार कर पुलिस को भेजी जाए। इससे यूपी कॉप ऐप पर दर्ज आवेदनों को बच्चों की सुरक्षा से जोड़कर प्राथमिकता से जांच की जा सकेगी।
बैठक में जॉइंट कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) बब्लू कुमार, नगर आयुक्त गौरव कुमार, आरटीओ प्रवर्तन प्रभात कुमार पांडेय, शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव प्रदीप कुमार सिंह और मिशन भरोसा निदेशक आलोक सिंह भी मौजूद रहे।
बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़ा कदम
मंडलायुक्त ने कहा कि मिशन भरोसा का मकसद सिर्फ पंजीकरण नहीं, बल्कि बच्चों के लिए पूरी तरह सुरक्षित परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करना है। इस प्रक्रिया से स्कूली वाहन प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वसनीयता आएगी।
उन्होंने चेतावनी दी कि इस अभियान में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर ड्राइवर और कंडक्टर का सत्यापन जरूरी है ताकि माता-पिता बिना चिंता के अपने बच्चों को स्कूल भेज सकें।