रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित जगह-जगह तलाश
युवक की आत्महत्या से पहले मारपीट और धमकी का मामला दर्ज
सीजी भास्कर, 18 अक्टूबर। राहुल विश्वकर्मा आत्महत्या कांड में उरला थाना पुलिस ने मुख्य आरोपी सैफ अली को हिरासत में लिया था, लेकिन रात में वह पुलिस (Custody Escape Case) हिरासत से फरार हो गया। थाने में हथकड़ी लगाकर रखे जाने के बावजूद उसने हथकड़ी को हाथ से खिसकाया और पुलिस को झांसा देकर भाग निकला। यह घटना न केवल पुलिस की लापरवाही को उजागर करती है बल्कि थाना सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।
जानकारी के अनुसार, सैफ अली के फरार होने के बाद पुलिस ने रायपुर रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और अन्य संभावित ठिकानों पर सर्च अभियान तेज कर दिया है। पुलिस टीम उसकी पतासाजी में लगातार जुटी है। इस (Custody Escape Case) के बाद से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है और अधिकारियों ने आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं।
सड़क हादसे के बाद विवाद, फिर आत्महत्या
थाना उरला क्षेत्र के बीरगांव मठपारा निवासी 20 वर्षीय राहुल विश्वकर्मा ने शुक्रवार की शाम फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जांच में सामने आया कि राहुल पर सड़क हादसे के बाद हुए विवाद में मारपीट और धमकी का दबाव था।
पुलिस के अनुसार, 16 अक्टूबर की शाम करीब 4:50 बजे राहुल अपनी मोटरसाइकिल से बीरगांव से शुक्रवारी बाजार की ओर जा रहा था। इसी दौरान सामने से आ रही बाइक, जिसे सैफ अली चला रहा था, से उसकी टक्कर हो गई। दोनों वाहनों को नुकसान पहुंचा, जिसके बाद विवाद बढ़ गया।
सैफ अली और उसके साथ मौजूद ताजुद्दीन खान व छोटे उर्फ शैफुद्दीन अंसारी ने राहुल को घेर लिया। उन्होंने वाहन क्षति के बदले 10 से 15 हजार रुपये की मांग की, गाली-गलौज की और मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद आरोपियों ने राहुल की बाइक अपने पास रख ली।
घटना के बाद तनाव और डर में आया राहुल शाम करीब छह बजे अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह पूरा घटनाक्रम पुलिस (Custody Escape Case) की कार्रवाई से जुड़े आरोपियों के क्रूर व्यवहार को भी सामने लाता है।
परिवार और संगठन ने जताई नाराजगी
मृतक के परिजनों ने बताया कि राहुल बालाजी ट्रेडर्स में नियमित रूप से काम करता था। घटना के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव कर आरोपियों की गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई की मांग की थी। अब जब मुख्य आरोपी सैफ अली थाने से ही फरार हो गया, तब पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
परिवार का कहना है कि यदि पुलिस ने आरोपी को सख्त निगरानी में रखा होता, तो यह शर्मनाक स्थिति उत्पन्न नहीं होती। नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने भी इसे पुलिस की कार्यकुशलता पर गहरा धब्बा बताया है और फरार आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग की है।