सीजी भास्कर, 1 दिसंबर। भारतीयों को जल्द ही अपने स्मार्टफोन में एक सरकारी साइबर सुरक्षा ऐप प्री-इंस्टॉल दिखाई देगा। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार की टेलिकॉम मिनिस्ट्री ने निजी तौर पर सभी स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर्स को निर्देश दिया है कि वे मोबाइल फोन में यह ऐप पहले से इंस्टॉल कर दें। खास बात यह है कि इस ऐप को यूजर चाहे तो भी डिलीट नहीं कर सकेगा (Cyber Safety App)। हालांकि मंत्रालय की ओर से आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की गई है।
भारत में 1.2 बिलियन से अधिक मोबाइल सब्सक्राइबर हैं और देश दुनिया का एक बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब है। सरकार के पास पहले से संचार साथी ऐप मौजूद है, जो साइबर ठगी रोकने, गुम या चोरी हुए फोन को ब्लॉक करने और नकली मोबाइल की पहचान करने में मदद करता है (Cyber Safety App)।
सरकारी डेटा के अनुसार इस ऐप की मदद से अब तक 7 लाख चोरी या गुम फोन बरामद किए जा चुके हैं, जिनमें सिर्फ अक्टूबर महीने में 50,000 मोबाइल रिकवर हुए। यह प्लेटफॉर्म DoT ने वर्ष 2023 में लॉन्च किया था।
कंपनियों को 90 दिन का समय
28 नवंबर को जारी आदेश (रॉयटर्स रिपोर्ट) के अनुसार सभी कंपनियों को 90 दिनों के भीतर नए स्मार्टफोन में यह ऐप प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य होगा। साथ ही इसे न तो डिलीट किया जा सकेगा, न डिसेबल। जो स्मार्टफोन पहले से सप्लाई चेन में हैं, उनमें इसे OTA अपडेट के जरिए इंस्टॉल कराया जाएगा।
Cyber Safety App ऐप की प्रमुख विशेषताएं
साइबर ठगी की रिपोर्ट: फर्जी कॉल, SMS या WhatsApp मैसेज को ऐप से तुरंत रिपोर्ट कर सकेंगे।
चोरी/गुम मोबाइल ब्लॉक: IMEI नंबर डालते ही फोन किसी भी नेटवर्क से कनेक्ट नहीं होगा।
आपके नाम पर कितनी सिम? ऐप के जरिए अपने नाम पर चल रही सभी सिम कार्ड की जानकारी देख सकेंगे और संदिग्ध सिम ब्लॉक कर सकेंगे।
फोन असली या नकली? नया या पुराना मोबाइल खरीदते समय IMEI से फोन की वास्तविकता चेक कर सकते हैं।
Cyber Safety App ऐपल यूजर्स का क्या
ऐपल की पॉलिसी कोई भी सरकारी या थर्ड पार्टी ऐप जबरन इंस्टॉल करने की अनुमति नहीं देती। इसलिए सरकार का यह नियम iPhone मॉडलों पर लागू होगा या नहीं—इस पर कंपनी की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। गूगल, सैमसंग और शाओमी ने भी फिलहाल प्रतिक्रिया नहीं दी है।
