सीजी भास्कर, 16 अक्टूबर। प्रदेश के वरिष्ठ कर्मचारी नेता और भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) देने में पिछले कई वर्षों से (DA DR Discrimination Chhattisgarh)
दोहरी नीति अपना रही है। नामदेव ने कहा कि एक ओर राज्य सरकार भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को केंद्र सरकार के बराबर एरियर सहित डीए-डीआर का नगद भुगतान कर रही है, वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के बिजली विभाग में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के आदेश जारी होते ही उसी तिथि और दर से डीए-डीआर का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने इसे एक ही राज्य में भेदभावपूर्ण रवैया बताया।
वीरेन्द्र नामदेव ने कहा कि हाल ही में बिजली विभाग में 14 अक्टूबर 2025 को केंद्र के समान 58% डीए-डीआर एरियर सहित देने के आदेश जारी किए गए हैं, जबकि सिविल सेवा के कर्मचारियों और पेंशनरों को अब तक इसका लाभ नहीं मिला। यह स्थिति प्रदेश के कर्मचारियों में आक्रोश का कारण बन रही है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि राज्य के सभी कर्मचारी संगठन मतभेद छोड़कर इस (DA DR Discrimination Chhattisgarh) नीति के खिलाफ एकजुट हों।
नामदेव ने कहा कि कर्मचारी संगठनों की आपसी फूट का सबसे बड़ा नुकसान राज्य के बुजुर्ग पेंशनरों को हो रहा है। कई गुटों में बंटे कर्मचारी संगठन अपने व्यक्तिगत श्रेय और फोटो पॉलिटिक्स में उलझे रहते हैं, जिससे सरकार पर कोई दबाव नहीं बन पाता। उन्होंने कहा कि मंत्रालय और संचालनालय के कर्मचारियों में भी आपसी मतभेद है, जिसका फायदा सरकार उठा रही है। यही वजह है कि आंदोलन और हड़तालें असरदार नहीं हो पातीं।
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने 25 अक्टूबर 2025 को मध्यप्रदेश सरकार से बिना एरियर डीआर देने की सहमति मांगी थी। जिस पर मध्यप्रदेश ने 15 अक्टूबर 2025 को जवाब देकर अपने पेंशनरों को 2% डीआर एरियर सहित प्रदान कर दिया। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार अब (DA DR Discrimination Chhattisgarh) बिना एरियर डीआर आदेश दीपावली से पहले जारी करने की तैयारी में है। इसे लेकर भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ ने घोषणा की है कि वे दीपावली पर बिना एरियर आदेश की “होली” जलाकर विरोध दर्ज कराएंगे।
महासंघ की संयुक्त विज्ञप्ति में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भूपेंद्र कुमार वर्मा, प्रदेश प्रमुख द्रौपदी यादव, मंत्री रामनारायण ताटी, पूरन सिंह पटेल, संगठन मंत्री टीपी सिंह, और विभिन्न जिलों के अध्यक्षों ने मांग की है कि राज्य सरकार दोहरी नीति समाप्त कर सभी को समान डीए-डीआर प्रदान करे। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र के समान तिथि और दर से डीए-डीआर नहीं दिया जाएगा, तब तक विरोध जारी रहेगा।