सीजी भास्कर, 04 सितम्बर | छत्तीसगढ़ के बलरामपुर और सूरजपुर जिलों में भारी बारिश का कहर जारी है। लगातार बारिश से बलरामपुर के लुत्ती गांव का पुराना बांध टूट गया।
हादसे में 7 लोग बह गए, जिनमें से 5 शव बरामद कर लिए गए हैं। मृतकों में एक बच्ची और तीन महिलाएं भी शामिल हैं। बाकी 2 लोगों की तलाश जारी है।
12 जिलों में यलो अलर्ट
मौसम विभाग ने सूरजपुर, बलरामपुर, बिलासपुर, मुंगेली, रायगढ़ सहित 12 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है।
रायपुर समेत कई जगहों पर देर रात से ही हल्की बारिश और बूंदाबांदी हो रही है। गरज-चमक के साथ बिजली गिरने और आंधी-तूफान की आशंका भी जताई गई है।
बंगाल की खाड़ी से उठा सिस्टम
पिछले 24 घंटे में बंगाल की खाड़ी से बने लो प्रेशर एरिया के कारण बिलासपुर, सरगुजा, रायपुर और बस्तर संभागों में जोरदार बारिश हुई। दुर्ग में सबसे अधिक 31.6°C तापमान दर्ज किया गया, जबकि राजनांदगांव में न्यूनतम 20.5°C रहा।
क्या है मानसून द्रोणिका?
मानसून द्रोणिका दरअसल एक कम दबाव रेखा है जो उत्तर-पश्चिम भारत से पूर्वोत्तर भारत तक फैली रहती है। इसकी स्थिति बदलने पर कभी उत्तर भारत तो कभी मध्य भारत में भारी बारिश होती है।
जब यह रेखा बंगाल की खाड़ी से बने लो प्रेशर से जुड़ती है तो कई राज्यों में मूसलाधार बारिश कराती है।
लो प्रेशर एरिया कैसे बनता है?
जब किसी इलाके में तापमान बढ़ जाता है तो हवा ऊपर उठने लगती है और सतह पर दबाव घट जाता है। इसे ही लो प्रेशर एरिया कहते हैं। इस प्रक्रिया से हवा अंदर खिंचती है और बादल बनकर बारिश कराती है। कई बार यही सिस्टम डिप्रेशन और चक्रवात में बदल जाता है।
बस्तर संभाग में तबाही
दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा और बस्तर जिलों में बाढ़ से 200 से ज्यादा घर ढह गए हैं। करीब 2200 लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है। बारसूर में स्टेट हाईवे-5 का पुल बह गया है, जिस पर अब ग्रामीण अस्थायी सीढ़ियां लगाकर आ-जा रहे हैं।
बारिश के आंकड़े
1 जून से 2 सितंबर 2025 तक प्रदेश में औसतन 919.1 मिमी बारिश दर्ज हुई है। बलरामपुर जिले में अब तक 1278.6 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 59% ज्यादा है। वहीं बेमेतरा जिले में 51% कम वर्षा दर्ज की गई है।