मध्य प्रदेश , 17 अप्रैल 2025 :
Damoh Fake Doctor Case: मध्य प्रदेश के दमोह जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां लंबे समय से विवादों में घिरे मिशन अस्पताल का लाइसेंस स्वास्थ्य विभाग द्वारा निलंबित कर दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग के आदेश के अनुसार, अस्पताल को तीन दिनों के भीतर बंद कर दिया जाएगा और इसके बाद अस्पताल पर ताले लटकते नजर आएंगे.
यह अस्पताल एक ईसाई मिशनरी संगठन द्वारा संचालित किया जाता है और हाल ही में फर्जी डॉक्टर के रूप में सामने आए डॉ. एन जान केम उर्फ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव द्वारा की गई कथित हार्ट सर्जरी के बाद विवादों में आ गया था. आरोप है कि इन सर्जरियों के चलते सात मरीजों की मौत हुई, जिसके बाद प्रशासन ने सख्ती से कार्रवाई शुरू की.
लाइसेंस रिन्यूअल में गड़बड़ी
जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि अस्पताल का लाइसेंस 31 मार्च 2025 तक ही वैध था. नियमानुसार, अस्पताल को लाइसेंस रिन्यूअल के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना था. मिशन अस्पताल ने आवेदन तो किया, लेकिन उसमें कई गंभीर कमियां पाई गईं, जिसके चलते उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया गया.
मरीजों को किया जाएगा शिफ्ट
डॉ. जैन ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं कि वे तीन दिन के भीतर सभी मरीजों को डिस्चार्ज करें. यदि कोई मरीज गंभीर हालत में है, तो उन्हें तुरंत जिला अस्पताल में स्थानांतरित किया जाए.
लंबे समय से था विवादों में
मिशन अस्पताल बीते कई दिनों से राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ था. कथित फर्जी डॉक्टर की पहचान और उसके द्वारा बिना वैध डिग्री के किए गए ऑपरेशनों ने न सिर्फ जिले, बल्कि पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मृतकों के परिजनों ने इस अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी.
स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई को पीड़ित परिवारों ने “देर से सही, लेकिन सही कदम” बताया है. फिलहाल, पुलिस और प्रशासन इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की तैयारी में जुटे हैं.