सीजी भास्कर, 2 सितंबर : खरीफ की तरह रबी सीजन में भी 16 हजार कृषि विज्ञानी किसानों तक सीधे पहुंचेंगे। दुर्गा पूजा के बाद तीन अक्टूबर से यह अभियान (Developed Krishi Sankalp Abhiyan) शुरू होगा और 15 दिनों तक चलेगा।
इसका समापन धनतेरस यानी 18 अक्टूबर को किया जाएगा। कृषि मंत्रालय ने इसकी व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं।
अभियान शुरू करने से पहले 15 और 16 सितंबर को नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर का कृषि सम्मेलन आयोजित होगा, जिसमें कृषि मंत्री, राज्य सरकारों के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर इसमें सक्रिय भागीदारी का आग्रह किया है। यह दूसरा चरण (Developed Krishi Sankalp Abhiyan) होगा। पहले चरण में खरीफ सीजन में 29 मई से 12 जून तक किसानों तक पहुंचकर उन्हें नई तकनीकों और योजनाओं से अवगत कराया गया था। उस समय देश के 700 जिलों के लगभग डेढ़ करोड़ किसानों से सीधा संवाद स्थापित हुआ था।
पहले चरण में कृषि चर्चा, प्राकृतिक खेती, ड्रोन तकनीक, उन्नत बीज, और सरकारी योजनाओं की जानकारी किसानों तक पहुंचाई गई थी। किसानों की समस्याओं और अनुभवों को समझकर भविष्य की कृषि नीति के लिए सुझाव जुटाए गए थे।
मंत्रालय के अनुसार इस अभियान से खरीफ सीजन में बुआई क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है। अब रबी के मौसम में भी इसी रणनीति को आगे बढ़ाया जाएगा।
कृषि मंत्री चौहान का कहना है कि यह पहल (Developed Krishi Sankalp Abhiyan) जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने, खेती की लागत घटाने और किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण है।
पिछले दस वर्षों में देश में खाद्यान्न उत्पादन में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सरकार का लक्ष्य इस रफ्तार को बनाए रखना और आगे बढ़ाना है। इसके लिए वैज्ञानिकों की टीमें गांव-गांव जाकर किसानों को नई किस्मों, तकनीकों और फसल प्रबंधन के तरीकों से परिचित कराएंगी।
खासकर सीमित जल उपलब्धता और बढ़ते तापमान के बीच खेती को टिकाऊ बनाने पर जोर होगा। इस बार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और फसल बीमा योजना से जुड़ी शिकायतों को भी सुना जाएगा। किसानों का फीडबैक सीधे लिया जाएगा ताकि योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
इस बार अभियान में खास ध्यान किसानों को प्राकृतिक खेती के अलावा बागवानी फसलों की नई तकनीकों, जल संरक्षण और आधुनिक कृषि मशीनरी की जानकारी देने पर रहेगा। खेतों में प्रत्यक्ष प्रदर्शन, किसानों के साथ संवाद और योजनाओं की जानकारी देने के माध्यम से यह अभियान ग्रामीण अंचलों में कृषि क्रांति का वातावरण तैयार करेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह पहल सफल होती है, तो आने वाले वर्षों में किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य को हासिल करना आसान होगा। यही कारण है कि सरकार ने इस (Developed Krishi Sankalp Abhiyan) को रबी सीजन में और भी अधिक सशक्त रूप से लागू करने का निर्णय लिया है।
