सीजी भास्कर, 19 जुलाई : छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के कसडोल ब्लॉक के वनांचल ग्राम अचानकपुर में ईको पर्यटन के साथ परंपरागत कृषि को जोड़ने की अभिनव पहल वन विभाग की द्वारा गई है। ग्राम में संचालित देवहिल नेचर रिसॉर्ट (Devhill Nature Resort) के साथ अब स्थानीय कृषकों द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसमें कोदो, विष्णुभोग, दुबराज जैसे परंपरागत धान और देसी अरहर जैसी फसलों की खेती को प्रोत्साहित किया गया है।
इस योजना को वनमंडल अधिकारी गणवीर धम्मशील के मार्गदर्शन में प्रशिक्षु एसीएफ गजेन्द्र वर्मा, परिक्षेत्र अधिकारी संतोष कुमार पैकरा और बीएफओ योगेश सोनवानी द्वारा स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर कार्यान्वित किया जा रहा है। संयुक्त वन प्रबंधन समिति के माध्यम से ग्रामीणों को जैविक खेती, पर्यावरण संतुलन और स्थानीय आजीविका के प्रति जागरूक किया गया है।
पर्यटक (Devhill Nature Resort) अब इस क्षेत्र में आकर खेती की पारंपरिक तकनीकों को देख और समझ सकेंगे, जिससे यह स्थान कृषि पर्यटन (Agro Tourism) के रूप में उभर रहा है। जैविक उत्पादों की मांग में वृद्धि के साथ-साथ ग्रामीणों को बाजार से जोड़ने और स्थानीय खाद्य संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक निर्णायक प्रयास बन रहा है।
कृषि के साथ पर्यटन को मिलेगा बल Devhill Nature Resort
देवहिल रिसॉर्ट में पर्यटकों को परोसे जाने वाले भोजन में इन्हीं जैविक उत्पादों का उपयोग किया जाएगा, जिससे क्षेत्रीय कृषि और पर्यटन को साझा बल मिलेगा। कृषक रामसिंह बरिहा, पानसिंह बरिहा, फूलसिंह बरिहा और रामायण बरिहा सहित अनेक किसान इस नवाचार में भागीदार बन चुके हैं और जैविक पद्धतियों के माध्यम से पारंपरिक खेती को पुनर्जीवित करने में जुटे हैं। यह पहल न केवल वन संरक्षण, बल्कि स्थानीय खाद्य सुरक्षा, स्वस्थ जीवनशैली और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायी उदाहरण है।