सीजी भास्कर, 28 अप्रैल : छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में धान उपार्जन केंद्र में अनियमितताओं (Dhan Ghotala) का मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उपार्जन केंद्र प्रभारी, समिति प्रभारी और कम्प्यूटर आपरेटर के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है। यह कार्रवाई सहकारिता विभाग के संयुक्त जांच दल द्वारा की गई जांच के आधार पर की गई, जिसमें उपार्जन केंद्र में भारी गड़बड़ी का खुलासा हुआ। एफआइआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि दो फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
सहकारिता विभाग द्वारा की गई जांच में पाया गया कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति उपार्जन केंद्र जारा में कुल 54,905.60 क्विंटल धान का उपार्जन किया गया था। इसके विपरीत केवल 54,536.82 क्विंटल धान का परिवहन किया गया था। जांच में यह भी सामने आया कि उपार्जन केंद्र में 368.78 क्विंटल धान, जिसकी कीमत करीब 8 लाख 48 हजार 194 रुपये थी, का परिवहन किया जाना शेष था, लेकिन यह धान भौतिक रूप से केंद्र में मौजूद नहीं था।
इस गड़बड़ी (Dhan Ghotala) के कारण समिति और शासन को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। इसके चलते समिति प्रभारी पंच राम ध्रुव, उपार्जन केंद्र प्रभारी परदेशी राम साहू और कंप्यूटर आपरेटर दीपक साहू के खिलाफ पलारी थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई। पुलिस ने परदेशी राम साहू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि पंच राम ध्रुव और दीपक साहू फरार हैं। पलारी थाना प्रभारी धीरेंद्र दुबे ने कहा कि फरार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं और अन्य उपार्जन केंद्रों की भी जांच की जा रही है। शाखा प्रबंधक कोदवा संजय कुमार वर्मा ने बताया कि जारा समिति में 368.78 क्विंटल धान की कमी पाई गई थी और इस मामले की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपी जा चुकी है। उनके निर्देशानुसार कार्रवाई की जा रही है।
समितियों में भ्रष्टाचार की गंभीर समस्या (Dhan Ghotala)
यह कोई पहला मामला नहीं है जब सहकारी समितियों में धान उपार्जन के दौरान गड़बड़ियां उजागर हुई हैं। हर साल, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान कई जगहों से अनियमितताएं, घोटाले और भ्रष्टाचार की खबरें सामने आती रही हैं। समितियों के कुछ भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी निजी लाभ के लिए किसानों के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, और इस तरह शासन की कल्याणकारी योजनाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।
स्थानीय किसानों का कहना है कि यह एक गंभीर मुद्दा है और ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे गड़बड़ियों को रोका जा सके। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और इस तरह के मामलों में किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए।