ओडिशा , 18 मार्च 2025 :
Odisha News पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. देवेंद्र प्रधान का सोमवार को नई दिल्ली में निधन हो गया था जिसके बाद मंगलवार को पुरी के स्वर्गद्वार में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें राजकीय सम्मान के अनुसार गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और उनके बेटे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मुखाग्नि दी। इस दौरान ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. देवेंद्र प्रधान (देबेंद्र प्रधान) मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। पुरी के स्वर्गद्वार में उनका अंतिम संस्कार किया गया। बता दें कि देवेंद्र प्रधान का सोमवार को दिल्ली स्थित धर्मेंद्र प्रधान के आधिकारिक आवास पर सुबह करीब साढ़े 10 बजे निधन हो गया था।
इसके बाद प्रधान के पार्थिव शरीर को भुवनेश्वर और फिर पुरी ले जाया गया था। मंगलवार सुबह उनकी पार्थिवदेह स्वर्गद्वार लाई गई। यहां उन्हें राजकीय सम्मान के अनुसार गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
इसके बाद श्मशान घाट पर तमाम -नीति पूरी होने के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मुखाग्नि दी। इस दौरान ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, योग गुरू बाबा रामदेव, पुरी के सांसद संबित पात्र के साथ कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। अंतिम संस्कार के समय ‘देवेंद्र प्रधान अमर रहें’ के नारे भी गूंजते रहे।
बता दें कि सोमवार शाम पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रधान का पार्थिव शरीर भुवनेश्वर एयरपोर्ट पहुंचा था। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था। एयरपोर्ट पर विभिन्न पार्टी के नेताओं ने पहुंचकर उनके अंतिम दर्शन भी किए।
इसके बाद पार्थिव शरीर को भाजपा राज्य कार्यालय भी ले जाया गया। यहां पार्टी के कई नेताओं ने अंतिम दर्शन करने के बाद देवेंद्र प्रधान को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर बेटे धर्मेंद्र प्रधान के भुवनेश्वर स्थित आवास पर ले जाया गया।
गूंजते रहे नारे
इस दौरान पूरा इलाके में ‘देवेंद्र प्रधान अमर रहें’ के नारे गूंजते रहे। पूर्व मुख्यमंत्री और बीजद सुप्रीमो नवीन पटनायक के साथ बीजद के कई विधायक और नेताओं ने भी स्व. देवेंद्र प्रधान के अंतिम दर्शन किए। इसके साथ ही श्रद्धांजलि अर्पित की।
यहां उल्लेखनीय है कि सोमवार को डॉ. देवेंद्र प्रधान ने अपने बेटे और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के आधिकारिक आवास पर सुबह 10:30 बजे अंतिम सांस ली थी। वह 83 वर्ष के थे।
ढेंकानाल जिले में हुआ था जन्म
देवेंद्र प्रधान ढेंकानाल जिले (अब अनुगुल) के कणिहां ब्लॉक के नालम गांव में 1941 में जन्मे थे। उन्होंने 1966 में एससीबी से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी।
एक साल तक एससीबी में हाउस सर्जन के रूप में काम करने के बाद, तालचेर डेरा में एक सहायक चिकित्सा अधिकारी के रूप में काम करने लगे थे।
इसके बाद उन्होंने साल 1973 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत 1980 में भाजपा में शामिल होने के साथ हुई थी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे देवेंद्र
देवेंद्र प्रधान 1980 से 1983 तक तालचेर मंडल के अध्यक्ष रहे। इसके बाद 1983 से 1985 और 1985 से 1988 तक ढेंकानाल जिले में भाजपा के अध्यक्ष पद का दायित्व निभाया।
बाद में उन्होंने 1988 से 1990 और 1993 से 1995 तक दो बार राज्य भाजपा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाई थी।
इसके बाद साल 1997 से 1998 तक वह भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने रहे।
चुनाव जीतकर संसद पहुंचे
देवेन्द्र प्रधान 1998 में आयोजित 12वें लोकसभा चुनाव में देवगड़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे।
वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय भूतल परिवहन राज्य मंत्री बनाए गए।
इसके बाद 13वें लोकसभा चुनाव में पुन: देवगड़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और चुनाव जीतकर संसद पहुंचे।
इस बार उन्हें वाजपेयी सरकार में भूतल परिवहन और कृषि राज्य मंत्री बनाया गया। वर्ष 2001 में वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने।
ओडिशा में भाजपा के मजबूत किया
सियासी जानकारों का मानना है कि ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी को मजबूत बनाने में देवेंद्र प्रधान की महती भूमिका रही है। वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद का कार्यभार भी संभाल चुके थे। उन्होंने भाजपा के मंडल अध्यक्ष के रूप में राजनीति का अपना सफर शुरू किया था। ऐसे में माना जाता था कि संगठन पर उनकी बेहतर पकड़ थी।