सीजी भास्कर, 01 सितम्बर।बिलासपुर रेलवे कोचिंग डिपो में ओएचई (ओवरहेड इलेक्ट्रिक) तार की चपेट में आने से मजदूर प्रताप बर्मन की मौत के बाद मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा।
हादसे को 5 दिन बीत चुके हैं, लेकिन परिजन और समाज के लोग डीआरएम कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं। बारिश और रात की ठंड के बावजूद वे मुआवजा और नौकरी की मांग को लेकर डटे रहे।
हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, रेलवे से मांगा जवाब
रेलवे अधिकारियों ने इस घटना से पल्ला झाड़ने की कोशिश की, लेकिन अब मामला हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है।
कोर्ट ने रेलवे के जीएम को निर्देश दिया है कि वे शपथपत्र के साथ अपना जवाब पेश करें।
इस केस की सुनवाई मंगलवार को होनी है, जिस पर परिजन और प्रदर्शनकारियों की निगाहें टिकी हुई हैं।
21.5 लाख मुआवजा प्रस्ताव ठुकराया
जिला प्रशासन की पहल पर रेलवे ने मृतक के परिवार को 21 लाख 50 हजार रुपए का मुआवजा देने का प्रस्ताव रखा। हालांकि, परिजनों ने इसे अस्वीकार कर दिया।
उनका कहना है कि उन्हें कम से कम एक करोड़ रुपए का मुआवजा चाहिए, साथ ही मृतक की पत्नी को रेलवे में नौकरी और बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाया जाए।
विभिन्न जिलों से मिला समर्थन
धरना स्थल पर लगातार अलग-अलग जिलों और संगठनों का समर्थन मिल रहा है।
रायपुर, दुर्ग, नवागढ़, बेमेतरा, रायगढ़, घरघोड़ा, धरमजयगढ़ और सारंगढ़ से समाज के पदाधिकारी प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल हुए।
उन्होंने मृतक के परिवार को आश्वासन दिया कि वे इस लड़ाई में अंत तक साथ रहेंगे।
पुलिस और आरपीएफ अलर्ट मोड पर
धरना स्थल पर तनाव की स्थिति को देखते हुए आरपीएफ और जिला पुलिस बल दिन-रात तैनात हैं।
थाना प्रभारी लगातार प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन परिवार अपनी मांगों पर अडिग है।
सुरक्षा बलों को किसी भी अप्रिय घटना से बचाव के लिए अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
शांतिपूर्ण आंदोलन पर जोर
प्रदर्शन में शामिल संजीत बर्मन ने कहा कि यह आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण है। परिवार केवल न्याय चाहता है और किसी भी तरह की हिंसा से दूर रहेगा।
उन्होंने कहा कि पुलिस को आंदोलनकारियों को आरोपी बनाने का कोई मौका नहीं दिया जाएगा।
अगली सुनवाई पर टिकी नजरें
चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की बेंच पहले ही रेलवे अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी जता चुकी है।
अब सभी को मंगलवार को होने वाली सुनवाई का इंतजार है, जिसमें यह तय होगा कि मृतक के परिवार को न्याय कब और कैसे मिलेगा।