सीजी भास्कर 10 मार्च दुनिया भर में डायबिटीज से ग्रसित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. भारत में भी इसके मामले लगातार उजागर हो रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ के मुताबिक, भारत में 10.1 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं.
डायबिटीज टाइप-2 में एम्पाग्लिफ्लोजिन नाम की दवा का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. ये दवा इस बीमारी में काफी कारगर भी है, लेकिन इसे बनाने वाली जर्मन कंपनी का पेटेंट 11 मार्च को खत्म हो रहा है.ऐसे में जल्द ही कम कीमत में इस दवाई को लॉन्च किया जाएगा. कम कीमतों की वजह से ज्यादा से ज्यादा मरीजों तक इस दवा की सुविधा पहुंच सकेगी. इस दवा को लॉन्च करने वाली नई कंपनियों में मैंकाइंड फार्मा, टोरेंट, अल्केम, डॉ रेड्डीज और ल्यूपिन शामिल हैं.9-14 रुपये में मिलेगी एक टेबलेटबाजार में हिस्सेदारी के हिसाब से भारत की चौथी सबसे बड़ी कंपनी मैंकाइंड फार्मा ने एम्पाग्लिफ्लोजिन को इनोवेटर की 60 रुपये प्रति टैबलेट की कीमत के एक-दसवें हिस्से पर पेश करने का प्लान बनाया है.
ज्यादातर जेनेरिक संस्करणों की कीमत 9-14 रुपये प्रति टैबलेट रखी गई है. 20,000 करोड़ रुपये के डायबिटीज थैरेपी मार्केट में थोड़ी बाधाएं आएंगी. ये 2021 में 14,000 करोड़ रुपये से 43% ज्यादा है.बाजार को पिछले साल टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स की बोहरिंगर इंगेलहाइम से तीन एम्पाग्लिफ्लोजिन ब्रांडों के अधिग्रहण से और मजबूती मिली. भारत में डायबिटीज से ग्रसित लोगों की संख्या वाकई में परेशान करने वाली है. इसके ज्यादा मरीजों की वजह से स्वास्थ्य बोझ का सामना करना पड़ रहा है.
मैंकाइंड फार्मा के एक अधिकारी ने कहा कि हम इसका पूरा ध्यान रखेंगे कि उच्च गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट (यूएसएफडीए जैसे नियामकों की ओर से प्रमाणित कच्चे माल) के साथ ज्यादा लागत लगने वाली मुश्किलों को कम करना है.हमारे अपने बुल्क एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रीडिएंट का इस्तेमाल करते हैं जिससे इसकी लागत कम होती है और हम दो अलग-अलग ब्रांडों को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग टीमों को इस पर काम करने के लिए लगाएंगे. इस बदलाव के बाद बाजार में हिस्सेदारी बढ़ेगी.