सीजी भास्कर, 27 दिसंबर। एक युवक दानापुर एक्सप्रेस के एस-4 कोच के नीचे पहिए के पास बैठकर 250 किमी सफर किया। पूछताछ में युवक ने बताया कि उसके पास टिकट के लिए रूपये नहीं थे इसलिए उसने ऐसा कदम उठाया। रेल कर्मचारियों ने जब उससे सफर के विषय में पूछा तो उसने बिना डरे बताया कि उसके पास इतने रूपये नहीं थे कि वो टिकट ले सके इसलिए उसने यह रास्ता चुना। युवक ने रेल कर्मचारियों को बताया कि वह बिना डरे ही दानापुर एक्सप्रेस ट्रेन के एस-4 कोच के नीचे लोगों से छिपते हुए पहिए के बगल बैठ गया और आराम से जबलपुर पहुंच गया। रोलिंग परीक्षण करने वाले एक रेल कर्मचारी ने बताया कि जैसे ही इसे पहिए के बीच देखा तो होश उड़ गए। जानकारी तुरंत ही रेल अधिकारियों की भी दी गई है।

आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के इटारसी से जबलपुर की दूरी करीब 250 किलोमीटर है। इतनी दूरी का सफर युवक ने कोच के नीचे पहिए के बगल में बैठकर तय कर लिया। खुलासा तब हुआ जब ट्रेन जबलपुर स्टेशन के आउटर पर पहुंची। इस दौरान रेल कर्मचारी जब एस-4 कोच के पास जांच कर रहे थे तभी उनकी नजर कोच के नीचे लेटे एक व्यक्ति पर पड़ी। रेल कर्मचारी ने तुरंत ही पायलट को वायरलेस पर सूचना देते हुए ट्रेन रुकवाई और ट्रॉली में छिपे व्यक्ति को बाहर निकाला गया। कोच के नीचे पहिए के पास बैठकर सही सलामत इटारसी से जबलपुर तक आए युवक को जिसने भी देखा, देखता रह गया। यह घटना न केवल हैरान करने वाली है बल्कि एक चेतावनी भी है कि लोगों को अपनी सुरक्षा के साथ इस तरह का खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
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मौके पर मौजूद रेल कर्मचारियों ने जान जोखिम में डालकर करीब 250 किलोमीटर तक का सफर तय करने वाले युवक को पकड़ा और फिर उसे वैगन विभाग (AC एंड W) को सौंप दिया।

दानापुर एक्सप्रेस की कल गुरुवार की शाम को जब रेल कर्मचारी जांच कर रहे थे। उसी दौरान पहिए के बीच में बनी एक जगह में कुछ हरकत देखी। कर्मचारी कोच के नीचे गए तो देखा कि एक युवक छिपकर बैठा हुआ है। जांच के दौरान कैरिज एंड वैगन विभाग के कर्मचारियों ने ट्रेन की रोलिंग में छिपे युवक को देखा तो उनके होश उड़ गए। घटना के बाद जिम्मेदार अधिकारियों ने इस पर गहरी चिंता जताई। उनका मानना था कि अगर कोई अनहोनी हो जाती तो यह बड़ा हादसा हो सकता था। पश्चिम मध्य रेलवे के सीपीआरओ हर्षित श्रीवास्तव ने कहा कि मामले की जांच आरपीएफ पुलिस को सौंप दी गई है। रेलवे प्रबंधन ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की आवश्यकता जताई है।