सीजी भास्कर, 24 अक्टूबर। एक फ़िल्मी कहानी जैसी लगने वाली सच्ची घटना ने शाहजहांपुर पुलिस को भी हैरान (Digital Arrest Fraud) कर दिया। पश्चिम बंगाल साइबर ब्रांच की टीम ने यहां दबिश देकर उस शातिर ठग को गिरफ्तार किया, जिसने जून महीने में एक रिटायर्ड इंजीनियर से 3.86 करोड़ रुपये की साइबर ठगी की थी।
पुलिस जब उसके घर पहुंची, तो आरोपी साड़ी और घूंघट में बैठा मिला। परिवार की महिलाएं पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करती रहीं, लेकिन चालाकी ज्यादा देर नहीं चली और आरोपी की पोल खुल गई।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी की पहचान अभिषेक उर्फ सम्राट, निवासी शाहजहांपुर के रूप में हुई है। वह पश्चिम बंगाल के आसनसोल निवासी सेवानिवृत्त चीफ इंजीनियर अमल मन्ना से करोड़ों रुपये ठगने (Digital Arrest Fraud) के मामले में वांछित था। ठगों ने जून में ‘डिजिटल अरेस्ट’ का नाटक रचकर अमल मन्ना को तीन दिनों तक फोन पर डराया और अलग-अलग खातों में रकम ट्रांसफर करा ली।
पश्चिम बंगाल साइबर ब्रांच के अधिकारी दीपांकर देवनाथ ने बताया कि जांच के दौरान लेनदेन और कॉल डिटेल से अभिषेक का नाम सामने आया। इसके बाद तीन दिन पहले पुलिस टीम शाहजहांपुर पहुंची। बुधवार रात करीब दस बजे जब टीम ने घर पर दबिश दी, तो अंदर से महिलाओं ने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया। पुलिस को बताया गया कि घर में सिर्फ महिलाएं और एक भांजा मौजूद हैं।
शक बढ़ने पर टीम ने पूरी रात घर के बाहर निगरानी की। सुबह करीब आठ बजे स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में दरवाजा खुलवाया गया, तो पुलिस टीम दंग रह गई – अंदर साड़ी और घूंघट में बैठा व्यक्ति कोई महिला नहीं बल्कि आरोपी (Digital Arrest Fraud) अभिषेक था। जैसे ही पुलिस ने उसका नाम पूछा, वह हड़बड़ा गया और पहचान उजागर हो गई।
पकड़े जाने के बाद अभिषेक ने शुरुआत में खुद को निर्दोष बताया, लेकिन सबूतों के सामने उसकी बात टिक नहीं पाई। बंगाल पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश करने के बाद तीन दिन की रिमांड पर लिया और आगे की पूछताछ के लिए कोलकाता ले गई।
पुलिस का कहना है कि आरोपी ने ठगी में तकनीकी गैंग की मदद ली थी, जो देशभर के कई राज्यों में सक्रिय है। अब पुलिस उस नेटवर्क की कड़ी दर कड़ी जांच कर रही है।
