सीजी भास्कर, 8 नवंबर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन एवं उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव के नेतृत्व में राज्य में ई-गवर्नेंस परियोजना (Digital Governance Chhattisgarh 2025) के अंतर्गत शहरी प्रशासन को अधिक दक्ष, पारदर्शी और नागरिक केंद्रित बनाने का बड़ा फैसला लिया गया है। राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) प्रदेश के सभी 192 नगरीय निकायों में नागरिक सेवाओं को पूरी तरह ऑनलाइन उपलब्ध कराएगा। यह पहल “एक राज्य – एक प्लेटफॉर्म” और “डिजिटल छत्तीसगढ़” के लक्ष्य को साकार करेगी।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि ई-गवर्नेंस परियोजना सुशासन के नए युग की शुरुआत है। इससे नागरिकों को सभी शहरी सेवाएँ घर बैठे, समय पर और पारदर्शी रूप से मिलेंगी। उन्होंने कहा कि यह सुविधा शासन को लोगों के और पास लाएगी और अब “शासन जनता के द्वार पर” की सोच धरातल पर दिखेगी।
एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार होगा
परियोजना के तहत एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital Governance Chhattisgarh 2025) तैयार किया जाएगा, जिसमें नागरिक सेवा पोर्टल, मोबाइल एप्लीकेशन, भवन अनुमति प्रणाली, वित्तीय प्रबंधन प्रणाली, शिकायत निवारण मॉड्यूल, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली, मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली तथा निर्णय सहायता डैशबोर्ड जैसी प्रमुख सेवाएँ सम्मिलित होंगी। ये सभी मॉड्यूल क्लाउड आधारित डेटा सेंटर से संचालित होंगे, जिससे सभी नगरों का डेटा सुरक्षित, एकीकृत और रियल-टाइम में उपलब्ध रहेगा।
सभी करों का भुगतान अब ऑनलाइन
ई-गवर्नेंस प्रणाली (Digital Governance Chhattisgarh 2025) से नागरिक अपने मोबाइल या कम्प्यूटर से प्रत्येक सेवा का लाभ ले सकेंगे। संपत्ति कर, जल कर, व्यापार कर और ठोस अपशिष्ट शुल्क जैसी सभी देनदारियाँ अब ऑनलाइन जमा की जा सकेंगी। नागरिकों को बैंक, यूपीआई, वॉलेट या नेट-बैंकिंग जैसे माध्यमों से त्वरित भुगतान की सुविधा मिलेगी, जिससे राज्य के राजस्व संग्रह में वृद्धि होगी।
पारदर्शिता और एकरूप प्रशासन
अरुण साव ने कहा कि यह परियोजना आम लोगों को केंद्र में रखकर बनाई गई है। इससे पूरे राज्य के नगरीय निकायों का कामकाज एक समान और पारदर्शी होगा। फैसले अब तथ्यों और तकनीक के आधार पर लिए जाएंगे, जिससे नागरिकों को तेज़ और भरोसेमंद सेवाएं मिलेंगी।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “डिजिटल इंडिया” के विज़न पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सुशासन सरकार की मुहर है। इससे छत्तीसगढ़ में ऐसा सिस्टम बनेगा, जहां जनहित की सुविधाएं कागजों पर नहीं बल्कि डिजिटल माध्यम से घर बैठे भी मिलेंगी।
एआई और डेटा एनालिटिक्स से स्मार्ट गवर्नेंस
ई-गवर्नेंस परियोजना में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डेटा एनालिटिक्स का भी उपयोग किया जाएगा। यह प्रणाली नागरिक शिकायतों के पैटर्न का विश्लेषण कर संभावित समस्याओं का पूर्वानुमान लगाएगी और अधिकारियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करेगी। इससे नीतिगत निर्णयों में सटीकता आएगी और शहरी निकायों का संचालन “स्मार्ट गवर्नेंस” के स्तर पर पहुंचेगा। राज्य के सभी नगर निगम, नगर पालिकाएं और नगर पंचायतें एकीकृत डिजिटल सिस्टम पर जुड़ेंगी, जिससे एक क्लिक पर नागरिक सेवाओं की जानकारी और ट्रैकिंग संभव होगी।
