सीजी भास्कर, 29 मार्च। विक्रम विश्वविद्यालय के 29वें दीक्षांत समारोह में नई व्यवस्था को लेकर शोधार्थियों में नाराजगी है। राजभवन के निर्देश के अनुसार मंच पर केवल 8 विद्यार्थी एक साथ डिग्री साथ में लेकर जा सकेंगे।
इस बार समारोह में 76 शोधार्थियों ने पीएचडी उपाधि के लिए पंजीयन कराया है। शनिवार को हुई रिहर्सल में बताया गया कि पीएचडी शोधार्थियों को डिग्री और मेडल उनकी कुर्सी पर ही उपलब्ध कराए जाएंगे। विद्यार्थी कतारबद्ध होकर मंच तक जाएंगे और 8 विद्यार्थियों का समूह अतिथियों के साथ फोटो खिंचवाकर वापस आएगा।
इस व्यवस्था से नाराज होकर शोधार्थी दोपहर की रिहर्सल में शामिल नहीं हुए और हॉल के बाहर बैठे रहे। राजनीति विज्ञान की शोधार्थी उषा जाटवा ने कहा कि यह व्यवस्था असम्मानजनक है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के इतिहास में हमेशा कुलाधिपति ने सभी को सम्मानपूर्वक डॉक्टरेट की उपाधि दी है।
कुलपति प्रो. अर्पण भारद्वाज ने कहा कि राजभवन से प्राप्त निर्देशों के अनुसार ही व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने विद्यार्थियों की मांग से राजभवन के अधिकारियों को अवगत करा दिया है। शोधार्थियों ने चेतावनी दी है कि यदि यह व्यवस्था नहीं बदली गई तो वे दीक्षांत समारोह में शामिल नहीं होंगे।