सीजी भास्कर, 03 अप्रैल। देशभर में जिस तरह कांग्रेस Congress को लगातार हर चुनाव में हार का सामना करना पड़ रहा है. उसको देखते हुए अब केंद्रीय नेतृत्व ने संगठन को मजबूत करने का फैसला किया है।
इसे ध्यान में रखते हुए राहुल गांधी अब प्रदेश के बड़े नेताओं के अलावा जिला अध्यक्षों से भी मुलाकात कर रहे हैं. राहुल गांधी Rahul Gandhi छत्तीसगढ़ के सभी जिला अध्यक्षों से आज संवाद करेंगे।
दिल्ली के इंदिरा भवन में राहुल गांधी छत्तीसगढ़ की राजनीति, छत्तीसगढ़ कांग्रेस में लगातार उभरकर आ रही गुटबाजी समेत तमाम मुद्दों पर जिला अध्यक्षों की राय जानेंगे. साथ ही उनसे बूथ ब्लॉक और पंचायत स्तर तक का फीडबैक लिया जाएगा।
दरअसल देश भर जिस तरह कांग्रेस कमज़ोर होती जा रही है इसी के मद्देनजर संगठन को जमीनी स्तर से मज़बूत करने के लिए लगातार बैठकें की जा रही हैं।
इससे पहले 27 मार्च को दक्षिण और उत्तर के राज्यों के जिलाध्यक्षों से राहुल गांधी ने संवाद किया था और गुरुवार-शुक्रवार को छत्तीसगढ़, पंजाब समेत हिंदी भाषी राज्यों के कांग्रेस जिलाध्यक्षों को दिल्ली बुलाया गया है. गुरुवार को छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सभी जिलाध्यक्षों के साथ राहुल गांधी संवाद करेंगे. इस दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी राहुल गांधी के साथ मौजूद रहेंगे।
जिलाध्यक्षों को मिलेंगी ज्यादा अधिकार और जिम्मेदारी : कांग्रेस संगठन को नए सिरे से खड़ा करने के मध्य नजर यह बैठकें की जा रही है और बैठक में प्रदेश की राजनीति बूथ, ब्लॉक और पंचायत स्तर तक का फीडबैक जिला अध्यक्षों से लिए जाएंगे। उसके साथ ही जिला अध्यक्षों को और ज्यादा अधिकार और जिम्मेदारियां दिए जाने की दिशा में काम किया जा रहा है।
कांग्रेस नेताओं की मानें तो राहुल गांधी की मंशा है कि जमीनी स्तर पर माफी कमज़ोर हो चुकी कांग्रेस को फिर से खड़ा किया जाए. इसके लिए जिलाध्यक्षों से संवाद कर निचले स्तर का फीडबैक सीधे पार्टी आलाकमान तक पहुंचेगा. साथ ही जिला अध्यक्षों को ज्यादा जिम्मेदारी और नए टास्क देने से पावर डिस्ट्रीब्यूशन को बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकेगा।
जिला अध्यक्षों से राहुल गांधी के सीधे संवाद और फीडबैक लेने की मंशा यह भी है कि प्रदेश कांग्रेस में लगातार बढ़ती गुटबाजी को खत्म किया जा सके. जिला अध्यक्ष जैसे आम कार्यकर्ता की सीधी पहुंच पार्टी आलाकमान तक होने से प्रदेश के आला नेताओं की मनमानी को थामा जा सकेगा. साथ ही समान तौर पर कार्यों और अधिकारों का डिस्ट्रीब्यूशन भी आसान होगा .साथ ही पार्टी हाई कमान की जिला स्तर तक पकड़ मजबूत होगी. जिससे पार्टी को जिले और ब्लॉक लेवल तक की राजनीतिक परिस्थितियों का सीधा फीडबैक मिल सकेगा.