सीजी भास्कर, 14 सितंबर। डोंगरगढ़ का नाम आते ही आस्था और श्रद्धा (Dongargarh Navratri Fair Preparation) से भरे जनसमूह की तस्वीर सामने आती है, लेकिन इस बार माहौल कुछ अलग होने वाला है। लाखों श्रद्धालु एक ही स्थान पर उमड़ेंगे, जहां हर कदम पर सुरक्षा, सुविधा और प्रबंधन की कसौटी पर प्रशासन खरा उतरने की चुनौती होगी। सवाल यह है कि क्या भीड़ के बीच हर किसी तक सुविधा और सुरक्षा की पहुंच सुनिश्चित हो पाएगी? इसी सस्पेंस के बीच सामने आई है प्रशासन की नई रणनीति।
कलेक्टर ने बैठक में स्पष्ट किया कि श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है और इसके साथ ही जिम्मेदारी भी कई गुना बढ़ गई है। क्वांर नवरात्रि मेले में हर स्तर पर मजबूत और चाक-चौबंद व्यवस्था अनिवार्य होगी। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने कहा कि किसी भी दर्शनार्थी को असुविधा न हो और श्रद्धा का यह महापर्व बिना किसी बाधा के संपन्न हो।
यही नहीं, सेवा पंडालों से लेकर यातायात व्यवस्था तक हर पहलू की बारीकियों पर मंथन हुआ। (Dongargarh Navratri Fair Preparation) के तहत प्रशासन ने विशेष रूप से स्वच्छता, चिकित्सा सुविधा और खाद्य सामग्री की गुणवत्ता पर जोर दिया है। बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि सेवा पंडालों में यात्रियों के लिए चाय, नाश्ता, भोजन, पेयजल, दवाई, पट्टी, ओआरएस और ग्लूकोज घोल की पर्याप्त व्यवस्था हो।
घटनास्थल माँ बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़, जिला राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ इस आयोजन का केंद्र है। कलेक्टर ने लोक निर्माण विभाग को सड़कों की मरम्मत और दुर्घटनाजन्य स्थानों पर स्पीड ब्रेकर बनाने के निर्देश दिए। साथ ही, रेलवे विभाग को अतिरिक्त टिकट काउंटर खोलने और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए भीड़ प्रबंधन के उपाय करने को कहा गया।
पुलिस अधीक्षक ने सुरक्षा इंतजामों को लेकर साफ निर्देश दिए कि मेले में पार्किंग व्यवस्था मजबूत होनी चाहिए। साथ ही, रोपवे टिकट के वितरण को भीड़ नियंत्रण को ध्यान में रखकर किया जाए। यह भी तय किया गया कि एम्बुलेंस हर समय उपलब्ध रहे ताकि किसी आपात स्थिति में त्वरित चिकित्सा सुविधा मिल सके।
अपर कलेक्टर ने जानकारी दी कि (Dongargarh Navratri Fair Preparation) 22 सितम्बर से 1 नवम्बर 2025 तक चलेगा और इसमें लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। इसी को देखते हुए सभी विभागों को मिलकर कार्य करने और किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने की चेतावनी दी गई।
बैठक में मां बम्लेश्वरी ट्रस्ट समिति के पदाधिकारी, नगर पालिक परिषद के प्रतिनिधि और सेवा पंडालों के संचालक भी उपस्थित थे। कलेक्टर ने सभी को आपसी समन्वय और सहयोग से कार्य करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि प्रशासन की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का भी प्रतीक है।
अंत में यह स्पष्ट हुआ कि इस बार डोंगरगढ़ मेले में कोई भी व्यवस्था अधूरी नहीं छोड़ी जाएगी। (Dongargarh Navratri Fair Preparation) प्रशासन से लेकर ट्रस्ट और समाज के हर वर्ग के लिए एक बड़ी परीक्षा है, जिसमें सफलता तभी संभव है जब हर व्यवस्था तयशुदा समय और तरीके से लागू हो।