सीजी भास्कर, 10 दिसंबर। रीवा से आया यह मामला किसी भी समाज को असहज (Dowry Harassment Case) कर देने वाला है। शादी–विवाह के पवित्र बंधन में बंधने के बाद जहां विश्वास और साथ जीवन का आधार होना चाहिए, वहीं यहां भरोसे को दहेज की कीमत पर तौला गया। दहेज की मांग पूरी न होने पर पति ने पहले पत्नी के सबसे निजी पल कैद किए, फिर वही वीडियो लोगों तक पहुंचाकर उसे अपमान, भय और मानसिक पीड़ा के हवाले कर दिया।
जानकारी के मुताबिक दंपत्ति का विवाह 10 मई 2025 को हुआ था। शुरुआत में सब सामान्य दिखा, लेकिन कुछ महीनों बाद चीजें बदलने लगीं। आरोप है कि पति ने शादी के समय तीन लाख रुपये की मांग रखी, जिसमें से दो लाख रुपये परिवार ने उपलब्ध भी कराए। इसके बावजूद शेष एक लाख रुपये के लिए दबाव लगातार जारी रहा। इसी बीच उसने पत्नी के साथ बिताए निजी पलों को कैमरे में कैद किया—एक भरोसे की स्थिति में, एक ऐसे क्षण में जहां किसी बाहरी निगाह की कल्पना भी नहीं होती।
परिवार द्वारा बाकी रकम देने से इनकार के बाद, वही वीडियो हथियार (Dowry Harassment Case) बना दिए गए। आरोप है कि पति ने क्लिप्स को सोशल मीडिया पर प्रसारित कर दिया, जिसके बाद पीड़िता को न सिर्फ सामाजिक शर्मिंदगी झेलनी पड़ी बल्कि मानसिक रूप से भी वह टूटती चली गई। अंततः साहस जुटाकर वह पुलिस तक पहुंची और महिला थाना रीवा में शिकायत दर्ज कराई।
थाना प्रभारी कल्याणी पाल ने बताया कि पीड़िता की रिपोर्ट के आधार पर FIR दर्ज कर ली गई है और मामले में विस्तृत जांच जारी है। पुलिस डिजिटल कंटेंट, प्रसारण के स्रोत और आरोपी की संलिप्तता के हर पहलू की जाँच कर रही है।
यह घटना सिर्फ एक महिला की पीड़ा नहीं, बल्कि उस सवाल का आईना (Dowry Harassment Case) भी है कि तकनीक की दुनिया में प्राइवेसी कितनी नाजुक हो चुकी है। दहेज पर खड़ी मानसिकता आज भी कितने घरों को तोड़ रही है—यह मामला उसी सच का कड़वा प्रमाण है।


