सीजी भास्कर, 14 अगस्त : आनलाइन भुइंया एप से 305.866 हेक्टेयर शासकीय और निजी भूमि का बंदरबांट करने का मामला सामने आया है। फर्जीवाड़े में संलिप्तता पाए जाने के बाद दो पटवारियों को निलंबित करने के साथ ही 18 पटवारियों का तबादला कर दिया गया है। वहीं प्रशासन का दावा है कि सारे रिकार्ड को सुधार लिया गया है। यह पूरा मामला दुर्ग जिले के ग्राम मुरमुंदा, अछोटी, चेटुवा और बोरसी का है।
पटवारियों की लागइन आइडी का उपयोग कर सरकारी और निजी भूमि का रिकार्ड अपने नाम कर लिया गया। जिस जमीन के रिकार्ड में हेरा-फेरी की गई है, वह शासकीय व निजी जमीन है। दुर्ग संभागायुक्त एसएन राठौर ने बताया कि आइडी हैक के मामले में एनआइसी से रिपोर्ट मांगी गई है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि पाटन के पटवारी मनोज नायक और अहिवारा के पटवारी कृष्ण कुमार सिन्हा की आइडी के जरिये जमीन रिकार्ड से छेड़छाड़ की गई है। इसके बाद दोनों पटवारियों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं 18 पटवारियों का तबादला कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मामले में प्रकरण भी पंजीबद्ध कराया जाएगा।
दो लोगों की हुई पहचान
संभागायुक्त एसएन राठौर ने मीडिया को बताया कि हेराफेरी के मामले में फर्जी ऋण पुस्तिका के जरिये बैंक से लोन भी पास करा लिया गया है। इसमें दो लोगों की पहचान हुई है। अन्य लोग जिनके नाम पर भूमि दर्ज की गई थी, उनकी जानकारी नहीं मिली है। मामले में ग्राम मुरामुंदा में 75 हेक्टेयर शासकीय और 22 हेक्टेयर निजी जमीन, अछोटी में शासकीय 45.304 हेक्टेयर और 27.087 हेक्टेयर निजी जमीन, चेटुवा में शासकीय 87.524 हेक्टेयर जमीन और बोरसी में 47.742 हेक्टेयर निजी जमीनों को दूसरे के नाम करने की बात सामने आई है।