सीजी भास्कर, 9 नवंबर। दुर्ग जिला अस्पताल में शनिवार को नसबंदी के दौरान दो महिलाओं की मौत (Durg Sterilization Death Case) हो जाने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि यह हादसा सर्जरी के दौरान दी गई किसी दवा के रिएक्शन (Medicine Reaction) से हुआ। फिलहाल दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार पूजा यादव (27), निवासी बजरंग नगर दुर्ग, नसबंदी ऑपरेशन के लिए जिला अस्पताल पहुंची थी। (Durg District Hospital Incident) ऑपरेशन के दौरान उसे अचानक झटके आने लगे और शरीर में अकड़न महसूस हुई। हालत बिगड़ने पर उसे आईसीयू में भर्ती किया गया, जहां कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। वहीं सिकोला भाटा निवासी किरण यादव (30) ने उसी दिन सुबह सिजेरियन ऑपरेशन के जरिए बच्चे को जन्म दिया था।
इसके बाद जब उसकी नसबंदी की जा रही थी, तभी उसे भी झटके आने लगे और शाम तक उसने भी दम तोड़ दिया। परिजनों ने बताया कि किरण पूरी तरह स्वस्थ थी और अचानक उसकी तबीयत बिगड़ना सभी के लिए सदमे जैसा था। पूजा यादव के दो छोटे बच्चे हैं, जबकि किरण यादव का नवजात शिशु है।
सर्जरी में दी गई दवाओं पर संदेह
सिविल सर्जन डॉ. आशीषन मिंज ने बताया कि पूजा यादव को नसबंदी के दौरान बुपीवाकेन 3 एमएल, मिडान 1 एमजी, और 2 आरएल (रिंगर लैक्टेट) दिया गया था। वहीं किरण यादव को बुपीवाकेन 2.2 एमएल, ऑक्सीटोसीन 10 आईयू, 2 आरएल और 1 डीएनएस दिया गया। संभावना है कि इन दवाओं में से किसी एक के रिएक्शन (Sterilization Surgery Complication) से दोनों की तबीयत बिगड़ी।
(Durg Sterilization Death Case) नौ सर्जरी हुईं, दो में हादसा
शनिवार को मदर-चाइल्ड यूनिट में कुल नौ सर्जरी की गईं। इनमें पूजा की केवल नसबंदी थी, जबकि किरण की सिजेरियन के साथ नसबंदी की गई। बाकी सात महिलाओं की सर्जरी सामान्य रही। ऑपरेशन टीम में डॉ. उज्जवला देवांगन, डॉ. विनीता ध्रुवे, डॉ. रिंपल (स्त्री रोग विशेषज्ञ) और डॉ. पूजा वर्मा (एनेस्थेटिस्ट) शामिल थीं।
सिविल सर्जन डॉ. मिंज ने बताया कि सर्जरी के दौरान दोनों महिलाओं को झटके और अकड़न की शिकायत हुई थी। उन्हें तत्काल आईसीयू में भर्ती कर उपचार दिया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। (Durg Health News) घटना के बाद उपयोग की गई सभी दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं ताकि सटीक कारणों का पता लगाया जा सके। प्रारंभिक जांच टीम को अस्पताल प्रबंधन और सप्लाई कंपनी से भी पूछताछ के निर्देश दिए गए हैं।
