सीजी भास्कर, 15 अक्टूबर। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में मेडिकल छात्रा से हुई सामूहिक बलात्कार की घटना (Durgapur Gangrape Case) ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। ओडिशा के बालासोर की रहने वाली पीड़िता बीते शुक्रवार रात अपने दोस्त के साथ कॉलेज परिसर के बाहर खड़ी थी, तभी पांच युवकों ने उसे अगवा कर दरिंदगी का शिकार बनाया। इसके बाद मुंह बंद रखने के लिए आरोपियों ने उसे 5000 रुपए देने की पेशकश की। पहले पीड़िता ने मारपीट की शिकायत की थी, लेकिन पुलिस जांच में गैंगरेप की पुष्टि हुई, जिससे मामला तूल पकड़ गया।
आरोपियों की गिरफ्तारी और पुलिस जांच
आसनसोल-दुर्गापुर के पुलिस आयुक्त सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा, “हम इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना (Durgapur Gangrape Case) से गहराई से दुखी हैं और पीड़िता के परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” तीन आरोपियों को 12 अक्टूबर को कोर्ट में पेश कर 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया, जबकि बाकी दो को सोमवार को गिरफ्तार कर नौ दिन की रिमांड दी गई है।
घटना की विस्तृत कहानी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वारदात शुक्रवार की रात 8 बजे से 8:45 बजे के बीच हुई। पहले तीन युवकों ने छात्रा को घेरा और उसका मोबाइल छीन लिया। इसके बाद दो और आरोपी मौके पर पहुंचे। पांचों ने मिलकर छात्रा को अगवा कर जंगल में ले जाकर उससे सामूहिक बलात्कार (Durgapur Gangrape Case) किया। इसके बाद उसे धमकी दी गई कि यदि वह कुछ नहीं बताएगी तो उसे 5000 रुपये मिलेंगे। पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि जब बदमाशों ने उनकी बेटी को पकड़ा, तो उसका दोस्त मौके से भाग गया।
राजनीतिक बयानबाज़ी और ममता पर हमला
पीड़िता के पिता ने इस घटना (Durgapur Gangrape Case) पर पश्चिम बंगाल सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि राज्य में “औरंगजेब का शासन” जैसा माहौल है। उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री खुद महिला हैं, फिर भी ऐसा गैर-जिम्मेदाराना बयान कैसे दे सकती हैं?” ममता बनर्जी ने कहा था कि “रात में छात्राओं को बाहर नहीं निकलना चाहिए,” जिसके बाद विपक्षी दलों ने इसे शर्मनाक बताया। ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रावती परिदा और महिला आयोग की अध्यक्ष सोवाना मोहंती ने भी ममता सरकार पर निशाना साधा।
राज्यपाल और राष्ट्रीय महिला आयोग की सख्त टिप्पणी
राज्यपाल सी वी आनंद बोस सोमवार को खुद दुर्गापुर पहुंचे और पीड़िता के परिवार से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि “यह बहुत ही चौंकाने वाली घटना है और बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा अब बड़ा सवाल बन गई है।”
राष्ट्रीय महिला आयोग ने कॉलेज प्रशासन और पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। आयोग की अध्यक्ष विजया राहतकर ने कहा कि पीड़िता को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा और न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए। आयोग ने 11 सूत्रीय निर्देश जारी किए हैं, जिनमें कॉलेज में CCTV लगाने, सुरक्षा ऑडिट कराने और एक स्थायी पुलिस चौकी की स्थापना शामिल है।
राजनीतिक भूचाल और प्रशासन पर सवाल
इस घटना (Durgapur Gangrape Case) ने बंगाल की राजनीति को हिला दिया है। बीजेपी ने दुर्गापुर में छह दिवसीय धरना शुरू किया है। विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि एक आरोपी तृणमूल कांग्रेस से जुड़ा है और राजनीतिक संरक्षण पा रहा है। वहीं, टीएमसी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। पार्टी ने कहा कि “कानून अपना काम करेगा और किसी को राजनीतिक लाभ नहीं उठाने दिया जाएगा।”