सीजी भास्कर, 23 अगस्त : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गुरुग्राम जोनल टीम ने 20 अगस्त को गुरुग्राम और नई दिल्ली में सात ठिकानों (ED raids Gurgaon call center scam) पर छापेमारी की। यह कार्रवाई धन शोधन रोकथाम अधिनियम 2002 के तहत की गई, जिसमें 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई। मामला एक अवैध कॉल सेंटर घोटाले से जुड़ा है, जिसमें आरोपियों ने अमेरिकी नागरिकों से करीब 15 मिलियन डॉलर (लगभग 125 करोड़ रुपये) की ठगी की थी। यह ताजा मामला के रूप में देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
सीबीआई की एफआईआर पर शुरू हुई जांच
ईडी की कार्रवाई सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया कि दिल्ली-एनसीआर से कुछ लोग फर्जी कॉल सेंटर के जरिये खासकर अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना रहे थे। नवंबर 2022 से अप्रैल 2024 के बीच आरोपितों ने तकनीकी सहायता देने के नाम पर ठगी की।
जांच में सामने आया कि अर्जुन गुलाटी, दिव्यांश गोयल और अभिनव कालरा इस अवैध नेटवर्क का संचालन कर रहे थे। उन्होंने नोएडा और गुरुग्राम से कॉल सेंटर चलाए। आरोपितों ने पीड़ितों के बैंक खातों में अवैध पहुंच बनाई और रकम को पहले विदेशी खातों में भेजा, फिर भारतीय खातों में ट्रांसफर किया।
200 बैंकों से किया गया लेन-देन
ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि इस नेटवर्क के जरिए 200 से अधिक बैंकों के माध्यम से लेन-देन किया गया। छापेमारी में एजेंसी को कई अहम दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड मिले हैं। अब तक 30 बैंक खाते फ्रीज किए जा चुके हैं।
लग्जरी सामान और संपत्तियां जब्त
ईडी ने इस कार्रवाई में आठ लग्जरी कारें, महंगी घड़ियां और 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां जब्त की हैं। आरोपितों ने ठगी से मिले पैसों से आलीशान मकान और लग्जरी सामान खरीदे थे। ईडी अधिकारियों के मुताबिक, आगे की जांच जारी है और इसमें और बड़े खुलासे की संभावना है।
यह मामला न केवल साइबर अपराध की गंभीरता को दिखाता है, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी नागरिकों से धोखाधड़ी जैसे अंतरराष्ट्रीय अपराधों की जटिलता को भी उजागर करता है। इस पूरे घोटाले ने साबित किया है कि भारत में फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले नेटवर्क किस तरह बड़े पैमाने पर ठगी कर सकते हैं। ऐसे में (ED raids Gurgaon call center scam) साइबर अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग दोनों ही पहलुओं पर बड़ा झटका है।