सीजी भास्कर, 23 नवंबर। सूरजपुर जिले के रमकोला से लगे जंगल में जंगली हाथियों (Elephant Attack Chhattisgarh) के हमले से मकोला पंडोपारा निवासी सरफुद्दीन (55) की दर्दनाक मौत हो गई। ग्रामीण अपने साथियों के साथ जंगल में गाय की तलाश (Missing Cattle Search) के लिए गया था, लेकिन रास्ते में हाथियों से आमना-सामना हो गया और वह जान नहीं बचा सका।
जानकारी के अनुसार, मृतक सरफुद्दीन अपने साथियों सद्दाम, लालबाबू पंडो, रतन पंडो और अजमेर अली के साथ मवेशी और जड़ी-बूटी की तलाश में मोटरसाइकिल से जंगल की ओर निकला था। तभी वन विभाग के सुरक्षाकर्मियों ने फोन पर सूचना दी कि आगे जंगल में हाथियों का झुंड (Wild Elephant Movement) सक्रिय है, इसलिए आगे न बढ़ें। साथियों ने भी लौटने को कहा, मगर सरफुद्दीन ने गाय ढूंढकर तुरंत लौटने की बात कही।
गाय मिल जाने के बाद वापसी के दौरान कोदवारी जंगल के पास अचानक उनका सामना हाथियों से हो गया (Elephant Conflict Zone)। सभी साथी अपनी बाइक छोड़कर भाग निकले, लेकिन सरफुद्दीन पास की झाड़ियों में छिप गया। साथियों ने बार-बार आवाज लगाकर कहा “हाथी तुम्हारी तरफ बढ़ रहा है, बाहर निकलो!” लेकिन वह समय रहते निकल नहीं पाया और हाथियों ने उसे कुचल दिया।
घटना की सूचना मिलते ही गेम रेंजर अजय सोनी (Forest Department CG) टीम के साथ मौके पर पहुंचे और बाकी साथियों को सुरक्षित निकाल लिया। हाथियों की मौजूदगी के कारण काफी देर तक शव तक पहुंचना संभव नहीं हुआ। देर शाम खोजबीन में सरफुद्दीन का शव कोदवारी के पास मिला, जिसके बाद रमकोला पुलिस को सूचना दी गई।
वन विभाग, पुलिस टीम और ग्रामीणों की मदद से रात लगभग 11:30 बजे शव को जंगल से बाहर निकाला गया। अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में हाथियों की आवाजाही पूरे साल बनी रहती है (Human-Elephant Conflict)। वन अधिकारियों का कहना है कि यदि चेतावनी मान ली जाती और सरफुद्दीन जंगल में न जाता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी।
