सीजी भास्कर, 5 जुलाई |
सरगुजा जिले में 6 हाथियों का दल उत्पात मचा रहा है। हाथियों ने बतौली ब्लॉक के टीरंग और सलयाडीह में सात घरों को ढहा दिया है। हाथियों के आने पर लोग जान बचाकर भागे। घरों को ढहाने के बाद पांच हाथी धौरपुर क्षेत्र में पहुंच गए हैं। बारिश में घरों को ढहाए जाने से ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। वन विभाग द्वारा हाथियों से सतर्क रहने और जंगलों की ओर न जाने की सलाह दी गई है। हाथियों के कारण लोग दहशत में हैं।
जशपुर जिले से सरगुजा सीमा में घुसा छह हाथियों का दल बतौली के सलयाडीह और टीरंग इलाके में डेरा जमाए हुए हैं। हाथियों ने टीरंग में छह ग्रामीणों के घरों को तोड़ दिया है। जिनके घर तोड़े गए हैं, उनमें देवा उरांव, फूलसाय, बहादुर उरांव, राजेश्वर, संदीप सभी टीरंग गांव के रहने वाले हैं, जबकि झरन कंवर और बालेश्वर कंवर कुड़केल गांव निवासी हैं। हाथी घरों को तोड़ने के साथ घरों में रखा अनाज भी खा गए।
हाथियों से दहशत, नहीं हैं संसाधन टीरंग और कुड़केल में घरों को ढहाने के बाद पांच हाथी वहां से धौरपुर इलाके में प्रवेश कर गए हैं। एक हाथी अब भी टीरंग में जमा हुआ है। वनविभाग द्वारा हाथियों की निगरानी की जा रही है। बारिश में घरों को ढहाए जाने से ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। ग्रामीणों ने कहा कि हाथियों के आने पर उनके पास बचने के लिए संसाधन नहीं हैं।
उधर, वनविभाग ने धौरपुर और बतौली के हाथी विचरण क्षेत्रों में मुनादी कराई है और जंगलों में लोगों को न जाने के लिए कहा है। ग्रामीण पुटू और खुखड़ी चुनने के लिए जंगलों में जाते हैं। हाथियों के जंगलों में मौजूद रहने के कारण ग्रामीणों में दहशत है।