सीजी भास्कर, 7 अक्टूबर। 108 संजीवनी एक्सप्रेस (Emergency Medical Service) टीम की तत्परता और सूझबूझ ने एक बार फिर मानवता और सेवा भावना की मिसाल पेश की है। रविवार की रात बेरला विकासखंड के ग्राम ढाबा निवासी गर्भवती महिला हेमवती निषाद (26 वर्ष) को अचानक तेज प्रसव पीड़ा हुई।
परिजनों ने घबराहट की स्थिति में रात लगभग 10:30 बजे 108 संजीवनी एक्सप्रेस (Emergency Medical Service) को कॉल किया। सूचना मिलते ही पायलट भूपेंद्र कुर्रे और ईएमटी रामगोपाल देवांगन तत्काल एम्बुलेंस लेकर गांव ढाबा पहुंचे। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए गर्भवती महिला को सावधानीपूर्वक एम्बुलेंस में बैठाया गया और टीम तेजी से पीएचसी गुधेली की ओर रवाना हुई।
मामला छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले (Emergency Medical Service) का है। रास्ते में कुछ ही दूरी तय करने के बाद हेमवती की प्रसव पीड़ा असहनीय रूप से बढ़ गई। स्थिति की नजाकत को भांपते हुए ईएमटी रामगोपाल देवांगन ने तत्काल ईआरसीपी के माध्यम से ड्यूटी डॉक्टर से संपर्क किया और पूरी स्थिति से अवगत कराया। डॉक्टर की सलाह और परिजनों की सहमति से एम्बुलेंस को सुरक्षित स्थान पर रोका गया और प्रसव प्रक्रिया प्रारंभ की गई।
ईएमटी रामगोपाल ने अपने अनुभव, शांतचित्त निर्णय क्षमता और मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए सफलतापूर्वक प्रसव कराया। कुछ ही क्षणों बाद एम्बुलेंस में नवजात बच्ची की किलकारी गूंज उठी, जिससे पूरे वातावरण में खुशी की लहर दौड़ गई। प्रसव के पश्चात मां और बेटी दोनों को सुरक्षित रूप से पीएचसी गुधेली में भर्ती कराया गया, जहां दोनों की स्थिति स्वस्थ बताई गई है।
परिजनों ने 108 संजीवनी टीम के त्वरित कार्य, जिम्मेदारी और समर्पण के लिए हृदयपूर्वक आभार व्यक्त किया। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि 108 संजीवनी एक्सप्रेस (Emergency Medical Service) केवल आपातकालीन सेवा ही नहीं, बल्कि जीवन की डोर थामने वाली संवेदनशील सेवा बन चुकी है।