सीजी भास्कर, 21 अगस्त। महिला कर्मचारियों के लिए पीरियड लीव की सुविधा देने के मामले में उड़ीसा देश का चौथा राज्य बन गया है। हाल ही में ओडिशा की डिप्टी चीफ मिनिस्टर प्रवती परिदा ने राज्य में गवर्नमेंट और प्राइवेट सेक्टर की महिला कर्मचारियों के लिए महीने मे दो पीरियड लीव की घोषणा की है हालांकि, यह लीव ऑप्शनल होगी।
ऐसा करने के साथ ही ओडिशा भारत का चौथा राज्य बन गया है जो कामकाजी महिलाओं के लिए मासिक धर्म की छुट्टी प्रदान करने जा रहा है है। मौजूदा समय में बिहार, केरल और सिक्किम ही ऐसे भारतीय राज्य है जिन्होंने मासिक धर्म की छुट्टियों को लेकर नीतियां लागू की है।
बिहार सरकार ने साल 1992 में पीरियड लीव देने की पॉलिसी बनाई थी। इसके तहत महिलाओं को हर माह 2 दिन का पेड लीव मिलता है। वहीं, केरल ने साल 2023 में, सभी यूनिवर्सिटीज और संस्थानों की छात्राओं को पीरियड लीव देने का प्रावधान बनाया है जबकि सिक्किम में इसी साल सिक्किम हाईकोर्ट ने रजिस्ट्री में काम करने वाली सभी महिला कर्मचारियों को पीरियड लीव देने का फैसला लिया है। हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में काम करने वाली महिलाएं हर महीने दो से तीन दिन की छुट्टी ले सकती हैं।
भारत में कुछ प्राइवेट कंपनियां जैसे जोमैटो भी पीरियड लीव देती है। वर्ष 2020 से, जोमैटो सालाना 10 दिनों की मासिक धर्म छुट्टी प्रदान करता है। जोमैटो के बाद और भी कई स्टार्टअप ने ऐसी छुट्टियां देनी शुरू कर दी थी। ओडिशा सरकार का यह कदम भारत में मासिक धर्म की छुट्टियों के बारे में नीतियों के बारे में व्यापक बहस के बीच आया है। भारत में वक्त-वक्त पर पीरियड लीव की मांग होती रही है लेकिन इस पर कभी आम सहमति नहीं बन सकी।