सीजी भास्कर, 26 सितंबर। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ सरकार से शीर्ष नक्सल कमांडर रामचंद्र रेड्डी के शव को संरक्षित करने का निर्देश दिया है। नारायणपुर जिले में पुलिस के फर्जी एनकाउंटर (Fake Encounter Case) में रेड्डी के मारे जाने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में सीबीआइ जांच की मांग भी की गई है।
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और एजी मसीह की पीठ ने कहा कि जब तक छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट फर्जी एनकाउंटर (Fake Encounter Case) के आरोपों पर फैसला नहीं करता, तब तक शव का न अंतिम संस्कार किया जाए और न दफनाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से दशहरे की छुट्टियों के बाद इस याचिका पर सुनवाई करने को कहा है।
रेड्डी के बेटे राजा चंद्र की ओर से वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्विस ने दलील दी कि रेड्डी को यातना दी गई और फर्जी एनकाउंटर (Fake Encounter Case) में मार दिया गया। पुलिस उनके शव को ठिकाने लगाना चाहती है। सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राज्य पुलिस की तरफ से कहा कि मुठभेड़ में दो लोग मारे गए और याचिकाकर्ता के पिता पर सात राज्यों की ओर से सात करोड़ का इनाम रखा गया था।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मुठभेड़ में मारे गए एक अन्य नक्सली का शव उसके परिवार को सौंपा गया और उसका अंतिम संस्कार भी हो चुका है। वहीं रामचंद्र रेड्डी का शव अस्पताल में रखा हुआ है।
मेहता ने कहा कि पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई है और पुलिस पर कोई दुर्भावना नहीं लगाई जा सकती। बता दें कि 22 सितंबर को महाराष्ट्र सीमा से लगते अबूझमाड़ इलाके में हुई मुठभेड़ (Fake Encounter Case) में रामचंद्र रेड्डी (63) और कादरी सत्यनारायण रेड्डी (67) को कथित तौर पर पुलिस ने मार गिराया था। पुलिस के मुताबिक दोनों पर छत्तीसगढ़ में 40 लाख का इनाम घोषित था। पुलिस के अनुसार दोनों ही सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य थे।
मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने एके-47 राइफल, एक इंसास राइफल, एक बीजीएल (बैरल ग्रेनेड लांचर) और बड़ी मात्रा में विस्फोटक जब्त किए थे। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट और छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट दोनों के समक्ष विचाराधीन है। (Fake Encounter Case)