सीजी भास्कर 17 दिसंबर धमतरी शहर में खुद को आयकर अधिकारी बताकर एक डॉक्टर के घर छापा मारने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। Fake IT Raid Dhamtari केस में पुलिस ने अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह घटना शहर के रत्नाबांधा रोड इलाके की है, जहां फर्जी दस्तावेज़ों और सरकारी रौब के सहारे घर में घुसपैठ की गई।
बिना वारंट, बिना पहचान—सीधे घर में घुसे आरोपी
घटना 17 नवंबर की बताई जा रही है, जब सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे 6 से 7 लोग खुद को इनकम टैक्स अधिकारी बताकर डॉक्टर दिलीप राठौर के घर पहुंचे। न तो उनके पास कोई वैध पहचान पत्र था और न ही तलाशी का अधिकृत वारंट। इसके बावजूद आरोपियों ने घर में जबरन प्रवेश कर लिया और करीब ढाई घंटे तक तलाशी ली।
परिवार को कमरे से बाहर तक नहीं निकलने दिया
तलाशी के दौरान आरोपियों ने घर के सभी कमरों, अलमारियों, दराजों और लॉकरों को खंगाला। इस दौरान परिवार के सदस्यों को बाहर निकलने तक की अनुमति नहीं दी गई। जब उन्हें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला, तो वे दो कारों में बैठकर मौके से फरार हो गए।
100 करोड़ रुपये की झूठी सूचना बनी वजह
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों को यह सूचना मिली थी कि डॉक्टर के घर में लगभग 100 करोड़ रुपये नकद मौजूद हैं। इसी अफवाह के आधार पर सभी ने आपस में संपर्क कर फर्जी इनकम टैक्स टीम बनाई और पूरी योजना को अंजाम दिया।
महाराष्ट्र से छत्तीसगढ़ तक फैला नेटवर्क
मामले की गंभीरता को देखते हुए अलग-अलग पुलिस टीमें गठित की गईं। तकनीकी साक्ष्यों और साइबर इनपुट्स के आधार पर आरोपियों को नागपुर, रायपुर, दुर्ग, बालोद और दल्लीराजहरा से हिरासत में लिया गया। इसके बाद सभी को धमतरी लाकर पूछताछ की गई।
वाहन, मोबाइल और कैश रखने की बोरियां जब्त
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त चार पहिया वाहन, मोबाइल फोन और नकदी रखने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जूट की बोरियां जब्त की हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि दो आरोपियों के खिलाफ पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैं।
न्यायिक रिमांड पर भेजे गए सभी आरोपी
पूछताछ और पहचान प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी 12 आरोपियों को न्यायालय में पेश कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि इस गिरोह से जुड़े अन्य लिंक भी खंगाले जा रहे हैं और जांच अभी जारी है।

