इंदौर के ऐतिहासिक होलकर साइंस कॉलेज में फैली सनसनी
सोशल मीडिया पर प्राचार्य अनामिका जैन की ‘मौत की झूठी खबर’ वायरल
पुलिस जांच में खुलासा — बीसीए के दो छात्रों ने बनाया था फर्जी सूचना पत्र
सीजी भास्कर, 17 अक्टूबर। शिक्षा जगत को हिला देने वाली घटना में इंदौर के प्रतिष्ठित होलकर साइंस कॉलेज में दो छात्रों ने परीक्षा स्थगित करवाने के लिए एक चौंकाने वाली साजिश रच डाली। उन्होंने कॉलेज प्राचार्य अनामिका जैन की मौत की फर्जी खबर इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दी। जैसे ही यह सूचना कॉलेज के शिक्षकों और स्टाफ तक पहुंची, पूरे परिसर में हड़कंप मच गया। लोग देर रात तक प्राचार्य से संपर्क करने की कोशिश करते रहे। जब प्राचार्य ने फोन उठाकर बताया कि वे पूरी तरह स्वस्थ हैं, तब जाकर सच्चाई सामने आई कि यह सब एक (Fake News Case Indore) शरारती साजिश थी।
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्राचार्य अनामिका जैन ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के बाद कॉलेज के दो छात्रों हिमांशु जायसवाल और मयंक कछावा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन दोनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने ही यह फर्जी संदेश तैयार कर व्हाट्सएप ग्रुप में साझा किया था। प्राचार्य ने बताया कि इस अफवाह से न केवल उन्हें मानसिक आघात पहुंचा, बल्कि उनके परिवार और कॉलेज के कर्मचारियों में भी भारी तनाव फैल गया। उन्होंने कहा — “यह केवल एक मज़ाक नहीं था, बल्कि मेरे सम्मान और प्रतिष्ठा पर सीधा प्रहार था।”
पुलिस के अनुसार, 15 और 16 अक्टूबर को कॉलेज में कंटीन्यूअस एंड कॉम्प्रीहेंसिव इवैल्यूएशन (CCE) परीक्षा आयोजित की जानी थी। लेकिन 14 अक्टूबर की रात लगभग 10 बजे छात्रों ने कई कॉलेज व्हाट्सएप ग्रुपों पर एक नकली सूचना साझा की जिसमें लिखा था “प्राचार्य का निधन हो गया है, इसलिए कल की परीक्षा स्थगित की जाती है।” देखते ही देखते यह मैसेज वायरल हो गया और छात्रों में भ्रम फैल गया।
कॉलेज प्रशासनिक अधिकारी डा. नागेश डगांवकर, डा. अर्पणा गंधे और विद्यार्थी आलेख द्विवेदी ने तुरंत प्राचार्य को फोन किया। प्राचार्य ने जब फोन उठाया तो सभी स्तब्ध रह गए। उन्होंने तत्काल कॉलेज के सभी ग्रुप्स में अफवाह का खंडन करते हुए संदेश जारी किया कि परीक्षा निर्धारित समय पर ही होगी।
पुलिस जांच में पता चला कि इस साजिश के पीछे बीसीए (फाइनल) के छात्र हिमांशु जायसवाल और मयंक कछावा का हाथ है। दोनों ने परीक्षा से बचने के लिए यह झूठी सूचना फैलाई थी। दोनों छात्रों ने प्राचार्य के समक्ष अपनी गलती स्वीकार की है और माफी भी मांगी है, लेकिन पुलिस ने इस कृत्य को गंभीर अपराध मानते हुए उनके खिलाफ आईटी एक्ट और दंड संहिता की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह घटना शिक्षा संस्थानों में सोशल मीडिया के दुरुपयोग का एक चिंताजनक उदाहरण है। जांच अधिकारी ने कहा कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई इसलिए जरूरी है ताकि भविष्य में कोई भी छात्र इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न जुटा सके।