नोएडा, यूपी — उत्तर प्रदेश पुलिस ने नोएडा के सेक्टर-70 में चल रहे एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। यहां ‘इंटरनेशनल पुलिस एंड क्राइम इंवेस्टिगेशन ब्यूरो’ के नाम से एक ऑफिस संचालित हो रहा था, जिसे देखने में यह असली अंतरराष्ट्रीय एजेंसी का दफ्तर लगता था। पुलिस की छापेमारी में यह खुलासा हुआ कि यह पूरा सेटअप धोखाधड़ी और ठगी के लिए बनाया गया था।
कैसे चलता था फर्जी ‘इंटरपोल थाना’?
आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी, इंटरपोल या अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से जुड़ा बताकर लोगों को प्रभावित करते थे। ऑफिस में पुलिस जैसा रंग, लोगो और इंटरनेशनल नाम का बोर्ड लगाया गया था।
वे आम जनता को भरोसे में लेकर उनसे ‘डोनेशन’ के नाम पर पैसा वसूलते थे और अपनी वेबसाइट www.intlpcrib.in के जरिए फर्जी सर्टिफिकेट व पहचान पत्र दिखाकर अपनी विश्वसनीयता साबित करने की कोशिश करते थे।
पुलिस की कार्रवाई और बरामद सामान
थाना फेस-3 और सेंट्रल नोएडा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया। छापेमारी में मिले सामान में शामिल हैं:
- 9 मोबाइल फोन
- 17 स्टाम्प मोहर
- 6 चेकबुक
- 9 फर्जी आईडी कार्ड
- पैन कार्ड, वोटर कार्ड, एटीएम कार्ड
- 3 तरह के विजिटिंग कार्ड
- मंत्रालयों से मान्यता के फर्जी प्रमाणपत्र
- 4 बड़े बोर्ड
- ₹42,300 नकद
- 1 CPU और अन्य दस्तावेज
कानूनी धाराएं और आरोप
गिरफ्तार आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 204, 205, 318, 319, 336, 339, 338, 3(5) और IT Act की धारा 66C, 66D समेत प्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग निवारण) अधिनियम 150 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
IB और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का नाम लेकर करते थे ठगी
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी के अनुसार, आरोपी न केवल खुद को इंटरनेशनल एजेंसियों से जुड़ा बताते थे, बल्कि इंटरपोल, यूरेशिया पोल और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का नाम लेकर लोगों को गुमराह करते थे। यहां तक कि वे खुद का एक ऑफिस यूके में होने का दावा भी करते थे।