सीजी भास्कर, 8 जुलाई |
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में सातवीं कक्षा के छात्र को पीटा गया है। महिला टीचर ने समय पर किताब न निकाल पाने पर छात्र को एक के बाद एक चार जोरदार थप्पड़ जड़ दिए, जिससे उसके कानों में गंभीर चोट पहुंची। वह सुन नहीं पा रहा है। मामला डोंगरगढ़ के खालसा पब्लिक स्कूल का है।
मिली जानकारी के अनुसार छात्र का इलाज रायपुर के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। पिता के मुताबिक बच्चे का दायां कान 70% और बायां कान 80% खराब हो गया है। अब छात्र को हर चार दिन में डोंगरगढ़ से रायपुर अस्पताल ले जाना पड़ेगा।
वहीं दूसरे मामले में रायगढ़ में आनंदा मार्ग प्राइमरी इंग्लिश मीडियम स्कूल में नर्सरी में पढ़ने वाले बच्चे को भी टीचर ने जमकर पीटा है। 3 साल के छात्र के पीठ पर निशान बन गए हैं। चक्रधर पुलिस ने आरोपी टीचर को हिरासत में ले लिया है।
जानिए क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, 2 जुलाई को हमेशा की तरह कक्षा 7वीं का छात्र सार्थक सहारे (13) स्कूल गया था। इस दौरान सामाजिक विज्ञान की टीचर प्रियंका सिंह क्लास लेने के लिए आई। टीचर ने छात्र सार्थक को किताब निकालने के लिए कहा, लेकिन थोड़ी देरी हो गई। छात्र ने टीचर से दोबारा पूछा कि मैम आपने क्या कहा है, मैं सुन नहीं पाया हूं। इससे टीचर गुस्से से तमतमा उठीं और 3-4 थप्पड़ मार दिए।
थप्पड़ से आई गंभीर चोट, छात्र को सुनाई देना हुआ बंद
सार्थक की मां संतोषी सहारे ने बताया कि उनका बेटा स्कूल से घर लौटते ही बोला कि मम्मी, मुझे अब सुनाई नहीं दे रहा। घबराए परिजन तत्काल उसे डोंगरगढ़ के सरकारी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर्स ने प्रारंभिक जांच में बताया कि छात्र के कान में अंदरूनी चोट आई है।
इसके बाद डॉक्टर्स ने सार्थक को राजनांदगांव जिला अस्पताल, फिर रायपुर के निजी अस्पताल में रेफर किया। रायपुर के निजी अस्पताल के मुताबिक, चोट गहरी है। इलाज लंबा चल सकता है। अभी भी छात्र को सुनने में तकलीफ है।
शिक्षिका पहले भी छात्रों को पीट चुकी- छात्रा श्वेता
परिवार की शिकायत के समर्थन में एक अन्य छात्रा श्वेता गजभिए ने कहा कि टीचर प्रियंका सिंह पहले भी कई छात्रों के साथ ऐसा व्यवहार कर चुकी हैं, लेकिन बच्चे डर की वजह से चुप रहते हैं। श्वेता के अनुसार टीचर बच्चों से चीखकर बात करती हैं और मारने में संकोच नहीं करतीं।
छात्र के पिता सुधाकर सहारे ने बताया कि स्कूल प्रबंधन से कार्रवाई की मांग की, तो प्रबंधन ने सिर्फ सो-कॉज नोटिस जारी कर पल्ला झाड़ लिया। ना तो स्कूल की तरफ से माफी मांगी गई, ना ही बच्चे के इलाज का खर्च उठाने की बात की गई। परिजनों ने BEO से शिकायत की।
हमारे बच्चे को न्याय मिले, स्कूल टीचर को सस्पेंड किया जाए
छात्र की मां संतोषी सहारे ने कहा कि हम बस चाहते हैं कि हमारे बच्चे को न्याय मिले। स्कूल टीचर को सस्पेंड किया जाए। बच्चे के इलाज का खर्च स्कूल उठाए। यह कोई मामूली सजा नहीं थी, बल्कि हमारे बच्चे की जिंदगी पर हमला है।
अगर टीचर ने गलती की है तो कार्रवाई होगी
स्कूल प्रबंधन के अध्यक्ष अदनान सिंह अरोरा ने बताया कि हर मीटिंग में टीचर्स हो हिदायत दी जाती है कि बच्चों पर हाथ नहीं उठाया जाए। इस मामले में भी अगर टीचर ने गलती की है तो निश्चित ही उसे दंड दिया जाएगा।
शिकायत दर्ज, जांच कमेटी गठित
डोंगरगढ़ बीईओ वीरेंद्र कौर गरछा ने बताया कि शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। हमने एक जांच कमेटी गठित कर दी है, जो 48 घंटे में रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।