सीजी भास्कर, 27 नवंबर। मध्य प्रदेश के गुना जिले में अन्नदाता (Fertilizer Queue Death) खाद की लंबी कतारों में खड़ा है और कड़कड़ाती सर्दी में खुले आसमान तले रात गुजार रहा है, जो प्रशासन के खाद की पर्याप्त उपलब्धता के दावों की पोल खोलता है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि दो दिन से खाद की कतार में लगी एक महिला की मौत हो गई। उल्टियां होने पर उसे निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
जानकारी के अनुसार बमोरी विधानसभा क्षेत्र के बागेरी डबल लाक केंद्र (Fertilizer Queue Death) पर किसान लगातार दो-तीन दिन से खाद के लिए लाइन में लगे हैं। हालात यह हैं कि दिन में खाद की आस और रात में उसी केंद्र पर खुले आसमान तले ठंड में ठहरना पड़ रहा है। कुशेपुर गांव की 45 वर्षीय भुरिया बाई आदिवासी भी दो दिनों से लाइन में लगी थी। बुधवार देर रात अचानक उल्टियां शुरू हुईं, तो पहले उसे बमोरी अस्पताल ले जाया गया।
प्राथमिक उपचार के बाद गुना के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। स्वजन जब शव लेकर गांव पहुँचे तो मातम छा गया। गुरुवार सुबह एसडीएम शिवानी पांडे, कलेक्टर किशोर कन्याल और पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया कुशेपुर पहुँचे और परिजनों को ढांढस बंधाया। (MP Farmer News) बमोरी क्षेत्र में खाद संकट की गंभीरता लगातार उजागर हो रही है। किसान परेशान हैं और व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल के बयान
महिला खाद लेने के लिए बागेरी केंद्र पर थी। देर रात उल्टियां होने पर उसे शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। जानकारी में आया है कि महिला को 450 शुगर थी और उसके पति को टीबी की बीमारी है। परिजनों को 5000 रुपये अंत्येष्टि राशि और 10000 रुपये रेडक्रॉस से दिए गए हैं। दो लाख रुपये का प्रकरण तैयार किया गया है।
वहीं कांग्रेस विधायक ऋषि अग्रवाल ने कहा कि प्रशासन खाद की उपलब्धता का दावा कर रहा है, लेकिन हकीकत अलग है। बागेरी केंद्र (Bagheri Double Lock Center) पर किसान दो-तीन दिन से कतार में खड़े हैं और ठंड में रात गुजारने मजबूर हैं। महिला की मौत का जिम्मेदार कौन? खाद वितरण व्यवस्था ध्वस्त है और कालाबाजारी जारी है।
