सीजी भास्कर, 23 जून |
सरगुजा में 2 बहनों की कीमती जमीन का एग्रीमेंट एक करोड़ 75 लाख में करके मात्र 40 लाख में बेच दी गई। इस मामले में अंबिकापुर सीजेएम ने आरोपियों पर FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं। जमीन फर्जीवाड़े में कांग्रेस के जिला महामंत्री राजीव अग्रवाल, भाजपा के जिलाध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया, एक एडवोकेट सहित 7 लोग शामिल हैं।
मामले की सुनवाई करते हुए अंबिकापुर सीजेएम कोर्ट ने अंबिकापुर थाना प्रभारी को 2 सप्ताह में FIR दर्ज करने और जांच के आदेश दिए हैं।
अंबिकापुर भगवानपुर निवासी चंद्रमणी कुशवाहा और भैयाथान निवासी कलावती कुशवाहा दोनों ने एडवोकेट के माध्यम से CJM न्यायालय में फर्जीवाड़े को लेकर परिवाद पेश किया था। परिवाद में बताया गया कि दोनों बहनें अनपढ़ हैं और गृहिणी हैं।
उनकी भगवानपुर स्थित पैतृक भूमि, रकबा 2.870 हेक्टेयर के राजस्व अभिलेखों में भाई रघुवर कुशवाहा और छतरू कुशवाहा का नाम दर्ज था।
एडवोकेट ने कराया एग्रीमेंट
दोनों बहनों ने राजस्व अभिलेखों में नाम चढ़वाने और बंटवारे के लिए एडवोकेट दिनेश कुमार सिंह से संपर्क किया। दोनों के भाई बंटवारे के लिए सहमत नहीं थे। एडवोकेट दिनेश सिंह पर विश्वास करते हुए उन्होंने सभी दस्तावेज उन्हें सौंप दिए।
सुनवाई के बीच दिनेश सिंह ने दोनों महिलाओं को झांसा दिया कि उन्हें जमीन मिलना मुश्किल है। इसलिए किसी प्रभावशाली व्यक्ति के नाम पर वे जमीनों का एग्रीमेंट कर दें। एडवोकेट ने दोनों को बुलाकर उनके हिस्से की सम्पूर्ण भूमि का विक्रय एग्रीमेंट राजीव अग्रवाल के नाम पर एक करोड़ 75 लाख रुपए में कराया।
दोनों बहनों को नहीं किया गया भुगतान
एडवोकेट ने दोनों बहनों को दोबारा बुलाकर एक भूमि बिक्रीनामा एग्रीमेंट 21 नवंबर 2016 को उपपंजीयक कार्यालय अंबिकापुर में कराया। यह एग्रीमेंट 1,13,00,000 रुपए में हुआ है। इसमें 5,50,000 रुपए की राशि देना लिखा गया। राशि की पावती के रूप में इसी एग्रीमेंट को माना गया है। जबकि दोनों को मात्र 50,000 रुपए की राशि एग्रीमेंट के समय प्रदान की गई है।
एग्रीमेंट के दौरान चेक से राशि का भुगतान किया जाना था, लेकिन कोई भुगतान चेक से नहीं किया गया। एग्रीमेंट में भारत सिंह सिसोदिया, रविकांत सिंह, नीरज प्रकाश पांडेय, राजेश सिंह, और नीलेश सिंह ने बतौर गवाह हस्ताक्षर किया है।
जमीन बेचने पर मिले 40 लाख रुपए
आवेदक चंद्रमणि कुशवाहा से 25 सितंबर 2017 को भारत सिंह सिसोदिया, नीरज प्रकाश पांडेय, राजेश सिंह, और नीलेश सिंह ने दो प्लॉट खरीदे। दो प्लाटों की कीमत 11 लाख 50 हजार रुपए चेक से भुगतान किया गया।
इसी तिथि को कलावती कुशवाहा से चारों ने तीन प्लॉट की रजिस्ट्री कराई, जिसकी राशि 10 लाख 8 हजार रुपए चेक के माध्यम से भुगतान किया गया।
तीसरा बिक्रीनामा फिर से चारों के द्वारा चंद्रमणि कुशवाहा से किया गया, जिसमें खसरा नंबर 44/1 रकबा 0.07 आरे की भूमि का 10 लाख 8 हजार रुपए में किया गया, लेकिन भुगतान मात्र 3 लाख किया गया।
एक अन्य एग्रीमेंट होने पर खुलासा
दोनों महिलाओं से एक और एग्रीमेंट पंकज श्रीवास्तव नाम के व्यक्ति को गुमराह कर कराया गया था। पंकज श्रीवास्तव को जब पूरे मामले की जानकारी हुई, तब पंकज श्रीवास्तव ने दोनों महिलाओं के खिलाफ थाने में शिकायत की थी। शिकायत पर चंद्रमणि कुशवाहा और कलावती कुशवाहा के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। उक्त जमीनों पर अब भी अनावेदकों के भाई का कब्जा है।
आरोपियों पर FIR के आदेश
मामले की सुनवाई करते हुए अंबिकापुर सीजेएम सुमित कुमार हर्षयाना की अदालत ने मामले में जमीन का सौदा करने वाले सभी के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। पहला एग्रीमेंट एक करोड़ 75 लाख रुपए में और दूसरा एग्रीमेंट एक करोड़ 13 लाख रुपए में किया गया। जबकि बिक्रीनामा में दोनों बहनों को मात्र 40 लाख रुपए ही मिले।
कोर्ट ने इसे आर्थिक अनियमितता मानते हुए एडवोकेट दिनेश कुमार सिंह, सहित रविकांत सिंह, भारत सिंह सिसोदिया, नीरज प्रकाश पांडेय, राजेश सिंह, नीलेश सिंह और राजीव अग्रवाल के खिलाफ जांच कर दो सप्ताह में FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं।