सीजी भास्कर, 25 नवंबर। राज्य में फूड टेक्नोलॉजी का राष्ट्रीय संस्थान खुलेगा (Food Technology Institute)। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नई दिल्ली में केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री चिराग पासवान से मुलाकात कर आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी, एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट (NIFTEM) की स्थापना की जाए (NIFTEM India)। इससे युवाओं को आधुनिक खाद्य तकनीक, उद्यमिता और नए रोजगारों से संबंधित उच्चस्तरीय प्रशिक्षण का लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य का लक्ष्य छत्तीसगढ़ को राइस ब्रान ऑयल हब के रूप में विकसित करना है (Rice Bran Oil Processing)। चावल की भूसी से निकाला जाने वाला यह तेल हेल्थ-फ्रेंडली होने के साथ-साथ बहुउपयोगी भी है। इसका उत्पादन बढ़ने से तेल आयात पर निर्भरता कम होगी और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को मजबूती मिलेगी।
साय ने केंद्रीय मंत्री का ध्यान खाद्य सुरक्षा, कृषि-आधारित उद्योगों और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों की ओर आकर्षित किया (Food Processing Sector)। उन्होंने कहा कि कृषि की दृष्टि से छत्तीसगढ़ मजबूत राज्य है और NIFTEM जैसे संस्थान से हजारों छात्रों, किसानों और खाद्य-आधारित उद्यमियों को लाभ मिलेगा। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह और सचिव राहुल भगत उपस्थित रहे।
(Food Technology Institute) रीजनल समिट कराने का आग्रह
मुख्यमंत्री साय ने रायपुर में वर्ल्ड फूड इंडिया के रीजनल समिट आयोजित करने का अनुरोध किया। उनका कहना था कि रायपुर की विविध खाद्य परंपरा, मजबूत कनेक्टिविटी और औद्योगिक माहौल इसे ऐसे आयोजन के लिए आदर्श बनाते हैं। फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए ड्रूल्स कंपनी ₹1,000 करोड़ का निवेश कर रही है, जिससे करीब 3,000 रोजगार उत्पन्न होंगे। इसका लाभ विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी समुदायों तक पहुंचेगा।
निवेश की अपार संभावनाएं
धान, मक्का, दलहन, तिलहन, फल, सब्जियों और वनोपज आधारित बड़ी संख्या में खाद्य इकाइयों की मौजूदगी छत्तीसगढ़ को निवेश के लिहाज से देश के आकर्षक राज्यों में शामिल करती है।
