सीजी भास्कर, 20 दिसंबर। महाराष्ट्र में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर (Foreign Minister) ने कहा ज़्यादातर टेक्स्टबुक जो आपको मिलती हैं, वे पश्चिमी लोगों की लिखी हुई हैं। मैं बार-बार यह पढ़कर थक गया था कि हम बहुत रणनीतिक हैं, लेकिन भारत में रणनीति और राजकाज की कोई परंपरा नहीं है।
हम अपने विश्वासों, अपनी संस्कृति के साथ बड़े हुए हैं, हम अपने खुद के शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते और दुनिया भी हमारे अपने शब्दों को नहीं जानती। यही भावना मेरे अंदर बढ़ रही थी। मैं दुनिया को समझाना चाहता हूं कि मैंने लंबे समय से क्या महसूस किया है।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर (Foreign Minister) ने कहा, “अलग-अलग लोग जानकारी को अलग-अलग तरह से समझते हैं। आप में से ज़्यादातर लोग इसका (फ़ोन की ओर इशारा करते हुए) इस्तेमाल करेंगे, आप में से कुछ लोग इसका (किताब की ओर इशारा करते हुए) इस्तेमाल करेंगे, लेकिन दुनिया में दिलचस्पी लें। यह इतना ही आसान है। मेरा सभी के लिए संदेश बहुत आसान है।
दुनिया में दिलचस्पी लें, क्योंकि दुनिया आप में दिलचस्पी ले रही है… मैं लोगों से कहता हूं, ‘जब वे कहते हैं, ‘हमें क्या करना चाहिए?’, तो कुछ भी करो, जब तक आपकी उसमें दिलचस्पी हो। अगर आपकी दिलचस्पी है, तो आप अच्छा करेंगे। अगर आपकी दिलचस्पी नहीं है, तो इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि वे आपको कितना भुगतान करते हैं; आप औसत ही रहेंगे। इसलिए, अपनी दिलचस्पी बनाए रखें।


