सीजी भास्कर, 23 जून |
छत्तीसगढ़ EOW की टीम ने पूर्व CM भूपेश बघेल के करीबी केके श्रीवास्तव को भोपाल से गिरफ्तार किया है। केके पर 500 करोड़ का प्रोजेक्ट दिलाने का झांसा देकर 15 करोड़ की ठगी करने का आरोप है। केके को EOW और ED टीम सालभर से तलाश कर रही थी।
मिली जानकारी के मुताबिक EOW को इनपुट मिला था कि केके श्रीवास्तव भोपाल के एक होटल में रुका है, जिसके बाद EOW की टीम ने उसे भोपाल के एमराल्ड होटल पहुंचकर पकड़ लिया। जानकारी के मुताबिक, EOW की टीम उसे रायपुर ला रही है, फिर उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि फरारी के दौरान वह देश के कई राज्यों के अलावा नेपाल में भी रहा। पुलिस को फोन से लोकेशन न मिल जाए, इसलिए वो जगह बदलने के बाद 10 लाख रुपए से ज्यादा के आईफोन तोड़े हैं। केके से प्रदेश के बड़े नेता तांत्रिक पूजा भी कराते थे।
अब जानिए क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, कांग्रेस की सरकार में श्रीवास्तव का खासा दबदबा था। उसका सीएम हाउस में बे रोक टोक आना-जाना था। स्मार्ट सिटी और एनआरडीए में 500 करोड़ का काम दिलाने के लिए उसने दिल्ली के कारोबारी रावत एसोसिएट के मालिक अशोक रावत से 15 करोड़ लिए थे।
अशोक को जब ठेका नहीं मिला तो उसने पैसे वापस मांगे। श्रीवास्तव ने 17 सितंबर 2023 तक पैसे लौटाने का वादा किया। तय समय गुजरने के बाद पैसा नहीं दिया। रावत ने पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी तो उसने बेटे कंचन के खातों से 3.40 करोड़ लौटा दिए। इसके अलावा तीन-तीन करोड़ के तीन चेक दिए।
कारोबारी के परिवार को जान से मारने की धमकी
कारोबारी के मुताबिक चेक देने के बाद केके ने स्टॉप श्रेणी में डाल दिया। इस वजह से चेक क्लियर नहीं हुआ। इसके बाद कारोबारी ने श्रीवास्तव को फोन लगाया तो उसने नक्सली और राजनैतिक रसूखदारों से पहचान होने की बात कहकर उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी।
इसके बाद रावत ने बाप-बेटे के खिलाफ तेलीबांधा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। तब से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। दोनों की जिला से सुप्रीम कोर्ट तक अग्रिम जमानत खारिज हो चुकी है।
- बेटे के साथ बनाया था आरोपी, 10 माह से चकमा दे रहा था पुलिस को
- श्रीवास्तव के दर्जनों खातों की जांच में 300 करोड़ का ट्रांजेक्शन मिला
- गरीबों के खाते में जमा करवाई थी करोड़ों की रकम, आश्रम भी चलाते थे
- ईओडब्ल्यू और ईडी ने भी मामला किया है दर्ज, आईटी की जांच भी जारी
तेलीबांधा थाने से लेकर ED ने दर्ज किया है केस
उत्तरप्रदेश के रावत एसोसिएट के एडमिन मैनेजर अजय कुमार ने तेलीबांधा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। अजय के मुताबिक केके श्रीवास्तव ने दिल्ली के रहने वाले उनके मालिक अर्जुन रावत को 500 करोड़ का काम दिलाने का आश्वासन दिया और फिर फर्जी दस्तावेज भेजकर ठगी की।
श्रीवास्तव के साथ उसके बेटे कंचन श्रीवास्तव के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की गई थी। FIR में यह दर्ज किया गया है कि प्रदेश के सबसे बड़े नेता भगोड़े ठग केके श्रीवास्तव से तांत्रिक पूजा करवाते थे। ये नेता भाजपा के हैं या कांग्रेस के, ये नहीं लिखा गया है, लेकिन ठग पर आरोप है कि वो पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में सबसे बड़े नेताओं के करीबी थे।
खाते में 300 करोड़ का लेन-देन भी
ठग केके श्रीवास्तव के खातों की जांच में 300 करोड़ का लेन-देन मिला है। ये खाते EWS मकानों में रहने वालों के नाम पर हैं। पुलिस ने इसकी जांच आयकर विभाग को सौंप दिया है। पुलिस थाने में शिकायत के बाद EOW और ईडी केके श्रीवास्तव के खिलाफ केस दर्ज कर मामले में जांच शुरू कर दी थी।
ग्लोमैक्स इंडिया के नाम से बनाए फर्जी दस्तावेज
शिकायतकर्ता अजय कुमार ने पुलिस को बताया, कि आरोपी श्रीवास्तव ने रावत एसोसिएट का पैसा गबन करने के लिए उनकी कंपनी ग्लोमैक्स इंडिया और छत्तीसगढ़ सरकार का एक फर्जी दस्तावेज बनाकर भेजा था। इस दस्तावेज को देखने के बाद श्रीवास्तव के बताए अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए गए।
पुलिस के अनुसार आरोपी श्रीवास्तव के अकाउंट्स की जांच के दौरान पता चला कि आरोपी ने पैसा 80 से ज्यादा बार में अलग-अलग अकाउंट्स में ट्रांसफर किया है। जिन अकाउंट्स में पैसा ट्रांसफर किया गया, उनकी जांच भी जारी है।
हवाला के माध्यम से दिल्ली भेजा पैसा
श्रीवास्तव पर आरोप है कि वह नेताओं के पैसों का मैनेज करता था। उसने हवाला के माध्यम से दिल्ली में पैसा भिजवाया है। उसने नेताओं की काली कमाई को वाइट किया है। ईडी को प्रारंभिक जांच में इसके प्रमाण मिले हैं।